Spiritual

पहली बार पूरे नवरात्र में अयोध्या की रामलीला का लाइव प्रसारण करेगा DD चैनल, जुड़ेंगे 400 नामी कलाकार

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बीच रामलीला इस बार बहुत खास होने वाली है। सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपराओं को बचाने के लिए नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इधर, सरयू नदी के तट पर लक्ष्मण किला मंदिर में भव्य रामलीला की तैयारी चल रही है। फिल्मी दुनिया के जाने-माने कलाकार बुलंद आवाज में रामायण के संवादों का पूर्वाभ्यास कर रहे हैं। 

पहली बार यह डीडी नेशनल और सोशल मीडिया चैनलों पर 17 से 25 अक्टूबर को शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक प्रसारित होगा। इस रामलीला को YouTube पर एक सप्ताह के बाद 14 भाषाओं में रिकॉर्ड और अपलोड किया जाएगा। 

इस बारे में प्रसार भारती के CEO शशि एस वेम्पति ने बयान जारी कर कहा कि “त्यौहारी सीज़न के दौरान COVID-19 संबंधित सावधानियों को देखते हुए, यह साझा करने के लिए प्रसन्नता है कि दूरदर्शन नवरात्रि के माध्यम से हर रोज अयोध्या से LIVE “राम लीला” लाएगा।”

आगे उन्होंने कहा कि “टीवी पर लाइव प्रसारण और यूट्यूब पर स्ट्रीमिंग कल से डीडी नेशनल पर 7pm पर होगी। यूट्यूब पर ऑन-डिमांड उपलब्ध होने के अलावा दिन के दौरान डीडी भारती और डीडी नेशनल पर लाइव प्रसारण भी दोहराया जाएगा ताकि इस नवरात्रि के दौरान अयोध्या से “राम लीला” को सभी COVID-19 सावधानियों का पालन करते हुए घर से सुरक्षित रूप से देखा जा सके।”

रामलीला के दौरान राम और सीता की भूमिका सोनू डागर निभाएंगे और कविता जोशी, शाहबाज खान की भूमिका में रावण की भूमिका निभाएंगे। भोजपुरी अभिनेता और सांसद मनोज तिवारी अंगद और रवि किशन भरत की भूमिकाओं में नजर आएंगे। प्रभु श्री राम की ससुराल जनकपुरी नेपाल से अयोध्या की रामलीला के लिए राजशाही कपड़े के रूप में आई है। माता सीता के गहने अयोध्या में ही तैयार किए गए हैं। भगवान श्री राम का धनुष कुरुक्षेत्र से है और रावण की कई वेशभूषा में से एक श्रीलंका में बनाई गई है। 

स्थानीय विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, जो इस रामलीला की तैयारी कर रहे हैं, इस नए प्रयोग को लेकर उत्साहित हैं। उनका कहना है कि देश और दुनिया के भक्त और लीला प्रेमी इस रामलीला का आनंद ले सकेंगे। हालांकि, अयोध्या में कोई पारंपरिक रामलीला नहीं होगी। 

अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ वाईपी सिंह का कहना है कि देश भर की रामलीला मंडलियों के लगभग 400 कलाकार निरंतर राम लीला से जुड़े रहे हैं। रामकथा पार्क में रामलीला को खुले में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया था, लेकिन दर्शकों की भीड़ की संभावना के कारण अनुमति नहीं दी गई थी। 

अयोध्या की रामलीला पर, श्री राम जन्मभूमि के प्रमुख पुजारी सत्येंद्र दास का कहना है कि यह माना जाता है कि अयोध्या में रामलीला कभी नहीं रुकी। लेकिन 400 साल से चली आ रही रामलीला की शुरुआत का श्रेय तुलसीदास के समकालीन मेघा भगत को जाता है।

रामलीला यहाँ राजद्वार भवन में बहुत लोकप्रिय हुआ करती थी। यह रामचरित मानस के दोहे और राम के अन्य महाकाव्य का उपयोग करते हुए खुले में किया जाता था। पूरी लीला के दौरान हर घटना के अनुसार दोहे और चौपाइयाँ सुनाया जाता था। लेकिन बाद में किन्हीं कारणों से यह रुक गया।


Donate to Falana Dikhana:यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’

                                                        

इससे सम्बंधित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button