Falana Report

J&K में रघुनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू, कश्मीरी पंडितों की अनुपस्थिति में बन चुका था कुत्तों का अड्डा

श्रीनगर (J&K): मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में अब मंदिरों का पुनरोद्धार शुरू कर दिया है।

जम्मू कश्मीर में श्रीनगर स्थित ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर अपनी महिमा को पुनः प्राप्त करने के लिए तैयार है क्योंकि जम्मू-कश्मीर की केंद्र शासित सरकार ने लगभग 30 वर्षों के बाद श्रीनगर में मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य शुरू किया है।

Srinagar’s Raghunath Temple Reconstruction

जम्मू कश्मीर के एक प्रमुख स्थानीय समाचार चैनल जम्मू नाउ द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट्स के मुताबिक श्रीनगर में हब्बा कदल के करफाली मोहल्ला इलाके में बने मंदिर को 1990 में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के दौरान क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। रघुनाथ मंदिर लगभग तीन दशकों से जर्जर स्थिति में है। दुर्भाग्य कहें कि मरम्मत के अभाव में, इसका परिसर आवारा कुत्तों के लिए आश्रय बन गया था।

Raghunath Temple Srinagar

प्राप्त जानकारियों के अनुसार मन्दिर श्रीनगर शहर  व SDPS गर्ल्स स्कूल के बीचों बीच स्थित है और स्कूल की कुछ कक्षाएं भी मन्दिर परिसर में लगती थीं। धारा 370 हटने के बाद टूटने के बाद रघुनाथ मंदिर ऐसा पहला मंदिर है। जहां मरम्मत कार्य शुरू हुआ है।

करीब 30 साल से बंद पड़े रघुनाथ मंदिर की हालत जर्जर हो गई थी। कश्मीरी पंडितों के वर्ष 1989 में पलायन के बाद से मंदिर में कोई नहीं गया। केवल कुछ छात्राएं ही मंदिर में शिक्षा के लिए जाती रही हैं।

School Classes in Raghunath Temple Campus

मंदिर 1989 से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गया था। उसकी मरम्मत नहीं हो पाई थी। मंदिर का गुबंद भी टूट गया था। जम्मू कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट के अधीन इस मंदिर का मरम्मत कार्य कुछ हिंदू संगठनों द्वारा किया जा रहा है और जिला प्रशासन का भी सहयोग प्राप्त हैं। इस मंदिर को महाराजा रणबीर सिंह ने बनवाया था। मंदिर के गुंबद की मरम्मत के अलावा इसे पेंट भी किया जाएगा। घनी आबादी के बीच बने इस मंदिर के कार्य में स्थानीय लोगों का भी सहयोग प्राप्त है।

जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा 2012 में जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि घाटी के सभी मंदिरों में से लगभग आधे पिछले दो दशकों में क्षतिग्रस्त हो गए थे। जैसा कि श्रीनगर और अनंतनाग में उन मंदिरों के साथ इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा बर्बरता और विध्वंसक कार्यों को अंजाम दिए गए थे।

ज्ञात हो कि मोदी सरकार ने 2019 में कश्मीर घाटी में बंद स्कूलों और मंदिरों का एक व्यापक सर्वेक्षण करने के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति के द्वारा नियत समय में उनके पुनरोद्धार करने और फिर से खोलने का विचार किया गया था।


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