‘जब सावरकर को समलैंगिक कहा था, तब मराठी अस्मिता कहाँ थी’- दलित नेता ने शिवसेना पर दागा सवाल
मुंबई: कंगना रनौत का दफ्तर तोड़ने पर उद्धव सरकार के खिलाफ अब तीखे सवाल दागे जा रहे हैं।
महाराष्ट्र में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के बयानों के बाद उनकी मुम्बई ऑफिस तोड़ने से उद्धव सरकार घिर गई है। कई विरोधी दल सरकार को BMC की कार्रवाई के लिए तर्कों से संकट में डाल रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार के दिग्गज दलित नेता व पूर्व सांसद हरि मांझी ने कांग्रेस संगठन द्वारा सावरकर को समलैंगिक बताने का मुद्दा छेड़ दिया।
मांझी ने कंगना रनौत पर दिए शिवसेना सांसद संजय राउत के हालिया विवादित बयान को लेकर कहा कि “मराठी अस्मिता की बात करने वाले उद्धव ठाकरे -संजय राउत जैसे “Naughty” से पूछिए कि जब वीर सावरकर को कायर, डरपोक और समलैंगिक बताया गया था, तब मराठी अस्मिता कहाँ थी ? नोट : Naughty= Haramkhor (संजय राउत प्रमेय)”
मराठी अस्मिता की बात करने वाले उद्धव ठाकरे -संजय राउत जैसे “Naughty” से पूछिए कि जब वीर सावरकर को कायर, डरपोक और समलैंगिक बताया गया था, तब मराठी अस्मिता कहाँ थी ?
नोट : Naughty= Haramkhor (संजय राउत प्रमेय)— हरि मांझी (@HariManjhi) September 10, 2020
आपको बता दें कि 2019 दिसंबर में मध्य प्रदेश में कांग्रेस के संगठन कांग्रेस सेवादल की ओर से सावरकर पर बुकलेट वितरित की गई थी। ‘वीर सावरकर कितने वीर’, नामक टाइटल वाली बुकलेट को भोपाल में आयोजित किए गए 10 दिवसीय ट्रेनिंग कैंप में बांटा गया था।
क़िताब में महात्मा गांधी की हत्या, नाथूराम गोडसे और वीडी सावरकर सहित कई चीजों का जिक्र किया गया था। बाद में विवादों के कारण बुकलेट काफी वॉयरल भी हुई थी ।
किताब में दावा किया गया था कि नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध थे। हालांकि ऐसे दावे से कांग्रेस भाजपा व शिवसेना में उस समय काफी तल्खियां भी बढ़ गई थीं।
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