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भीमा कोरेगांव में दलित दंगे कराने वाले तीनो आरोपियों को मिली थी बम लगाकर उड़ाने की ट्रेनिंग, उच्च जाति के खिलाफ भड़काया था

पुणे: भीमा कोरेगांव दंगो में NIA को बड़ी सफलता हाथ लगी है। NIA ने दंगे भड़काने के आरोपों में सागर तात्याराम गोरखे, ज्योति जगताप व रमेश मुरलीधर गाईचोर को गिरफ्तार कर लिया है। तीनो को वर्ष 2018 में भीमा कोरेगांव के 200 साल पुरे होने के उपलक्ष्य में हेट स्पीच दें दंगे भड़काने के लिए UAPA एक्ट में गिरफ्तार किया गया है।

ज्ञात होकि 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद् पुणे के शनिवारदा में कबीर कला मंच द्वारा एक कार्यकर्म कराया गया था जिसने कई जातियों के बीच में विष घोल दिया। फलस्वरूप पुरे राज्य में दंगे के रूप में जातियों में संघर्ष शुरू हो गया जिसमे कई लोगो व करोडो की संपत्ति का नुकसान भी हुआ था।

वहीं जाँच में पता चला कि एल्गार परिषद व गिरफ्तार किये गए अभियुक्त UAPA एक्ट के तहत प्रतिबंधित संगठन CPI माओवादी के संपर्क में थे। आपको बता दें कि यह संगठन अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक छठा सबसे खतरनाक चरमपंथी संगठन है।

पुणे पुलिस भी अपनी दो फाइल की गयी चार्ज शीट में तीनो अभियुक्तों को मुख्य आरोपी बता चुकी थी। साथ ही इसी वर्ष जनवरी में केस लेने के बाद से NIA ने आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। जिसमे आनंद तेलतुंबड़े, गौतम व हनीबाबू को गिरफ्तार किया गया जा चूका था।

NIA ने अपनी आगे की जाँच में पाया कि तीनो आरोपियों का नक्सलवादियों के साथ गहरा संबध है जिन्हे CRPF व पुलिस पर आतंकी हमले के लिए जाना जाता है। NIA के बयान के मुताबिक तीनो आरोपी क्षेत्र में नक्सलवादी व माओवादी गतिविधि को बढ़ावा दें रहे थे जिसके कारण वह CPI माओवादी के संपर्क में आये थे।

इसी के साथ NIA ने बताया कि कबीर कला मंच के एक्टिविस्ट जंगल में हथियारों की ट्रेनिंग लेने के लिए भी गए थे। इस ट्रेनिंग में उन्हें हथियार चलाना, बम लगाकर उड़ाना व नक्सलवादी गतिविधि को बढ़वा देने की भरपूर महारत हासिल कराई गयी थी।

आरोपियों के खिलाफ सबूत इक्खट्टा करने के बाद NIA ने तीनो आरोपियों को 11 सितम्बर तक रिमांड पर लिया है जहां उनसे उनके पुरे नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी।


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