भारत में चीनी कंपनियों के बैन के बाद अमेरिका ने चीनी सेना पर ठोका वीज़ा बैन !
वाशिंगटन (US): भारत में चीनी कंपनियों के बाद US ने चीनी सेना व पार्टी के सदस्यों पर बैन लगाया है।
विवादित दक्षिण चीन सागर के सैन्यीकरण के लिए जिम्मेदार शी जिनपिंग शासन और चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सदस्यों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा अमेरिका ने चीनी राष्ट्रपति की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों पर उनके अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
The #US has imposed a visa ban on members of the Chinese Communist Party (CCP) regime, People’s Liberation Army (PLA) and some state-owned businesses responsible for the occupation and militarization of the disputed #SouthChinaSea.
Photo: IANS (Representational Image) pic.twitter.com/0CcI9hMDfN
— IANS Tweets (@ians_india) August 27, 2020
माना जा रहा है कि अमेरिका ने ये प्रतिबंध लगाकर चीनी सरकार के साथ अपने संबंध भी तोड़ दिए हैं। यूएसएसआर के टूटने और शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में यह एक प्रमुख घटनाक्रम है जिसका अभूतपूर्व प्रभाव पड़ेगा।
CPC सदस्यों को ग्रीन कार्ड लेने में प्रतिबंध लगाने की हुई थी माँग:
बता दें कि जैसे भारत में आने व रहने के लिए वीजा व पासपोर्ट की जरूरत होती है ठीक उसी प्रकार से अमरीकी में इस दस्तावेज को ग्रीन कॉर्ड कहा जाता है। और ग्रीन कार्ड किसी व्यक्ति को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति देता है।
अब बात करें अमरीकी संसद के उपर्युक्त बिल की तो चीनी राष्ट्रपति की पार्टी CPC पर इस US सांसद नें जून 2020 में कई अनैतिक कामों में शामिल होने के आरोप लगाए थे। वैश्विक मंच पर आक्रामक और लापरवाह व्यवहार, अमेरिकी बौद्धिक संपदा चोरी करना, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानूनों का उल्लंघन करना, जघन्य मानवाधिकारों का हनन करना, और हाल ही में कोरोना संकट में जानकारी को साझा करने में असफल होना जैसे मुद्दे शामिल हैं।
CCP सदस्य हमारे मूल्यों को नहीं मानते:
15 जून के एक बयान में रेशेन्थेलर ने कहा था “यह स्पष्ट है कि सीसीपी के सदस्य हमारे अमेरिकी आदर्शों और मूल्यों को पालन नहीं करते। हमें उन्हें एक अमेरिकी नागरिक होने के साथ आने वाले सभी विशेषाधिकारों के उपयोग करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।”
इसी बिल में अमरीकी सांसद नें देश के नागरिकता यानी राष्ट्रीयता अधिनियम (INA) मेंं संशोधन करने की मांग रखी थी।
सांसद ने कहा था कि INA में भी अनधिकृत प्रावधान हैं जो ऐसे पार्टी सदस्यता वाले लोगों को अप्रवासी वीजा प्रदान करने से रोकते हैं। लेकिन इस तरह के नियमों की भाषा स्पष्ट रूप से यह नहीं बताती है कि कौन सी कम्युनिस्ट पार्टी है।
लिहाजा डॉनल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के सदस्य नें संसद में प्रस्ताव रखा था, जिसका नाम है चीनी कम्युनिस्ट नागरिकता अधिनियम है। जोकि “चीनी कम्युनिस्ट पार्टी या उसके सदस्यता वाले व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नई भाषावली को जोड़कर INA के प्रावधानों को संशोधित करेगा।”
Donate to Falana DIkhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’