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‘जनसँख्या नियंत्रण कानून व UCC लागू किये बिना भारत में भविष्य बनाना असंभव’: आध्यात्मिक गुरु

नई दिल्ली: राम मंदिर भूमि पूजन के बाद आध्यात्मिक गुरुओं ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर आवाजें उठाई हैं।

देश में आए दिन जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर कहीं न कहीं से आवाज आती रहती है। देश फिलहाल कोरोना जैसे महमहारी के भीषण संकट से गुजर रहा है। इसी दौरान देश के जाने माने आध्यात्मिक गुरु स्वामी दीपंकर नें जनसंख्या नियंत्रण कानून व यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की आवाज बुलंद की है।

स्वामी दीपंकर ने बयान में कहा कि “समान नागरिक संहिता और जनसँख्या नियंत्रण कानून लागू किये बिना, भारत का भविष्य, भारत में भविष्य, बनाना असंभव है।”

कोरोना वैक्सीन से ज्यादा जरूरी:

इसके पहले स्वामी दीपंकर नें कानून को कोरोना संकट में मास्क से भी महत्वपूर्ण करार दिया था। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि “भारत में अब जनसंख्या नियंत्रण क़ानून कोरोना काल में मास्क से भी ज़्यादा ज़रूरी है।”

हालांकि ये पहली बार नहीं पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट वकील अश्विनी उपाध्याय ने भी जनसंख्या नियंत्रण कानून को कोरोना वैक्सीन से ज्यादा जरूरी बताया था।

बतौर सुप्रीम कोर्ट वकील अश्विनी जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर कर चुके हैं। कोर्ट नें उनकी कई याचिकाओं पर संज्ञान में लेकर एक्शन भी लिया है।

राष्ट्रपति ने जताया था जनसंख्या विस्फोट पर चिंता:

वहीं खुद देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक इंटरव्यू में जनसंख्या नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की थी और कहा था ऐसा नहीं हुआ तो देश को इसके भयंकर परिणाम भुगतने होंगे।

अब अश्विनी उपाध्याय ने देश में कानून सुधार व कानून लागू करने की माँग की है जिसे उन्होंने कोरोना वैक्सीन से भी आवश्यक करार दिया है।

अश्विनी उपाध्याय ने अपने बयान में कहा था कि “कोरोना वैक्सीन से भी ज्यादा जरूरी है: चुनाव सुधार, पुलिस सुधार और न्यायिक सुधार करना, धर्मांतरण नियंत्रण, घुसपैठ नियंत्रण और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना, सभी बच्चों के लिए समान शिक्षा और समान चिकित्सा तथा सभी  के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना।”


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