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IPL में नहीं होगा चीनी स्पांसर, RSS संगठन ने स्पांसर नहीं बदलने पर दी थी IPL बॉयकॉट की चेतावनी !

नई दिल्ली: चीनी कंपनियों के साथ करार रद्द नहीं करने पर RSS संगठन की IPL को चेतावनी ने काम किया है।

सोमवार को, RSS संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने IPL के चीनी प्रायोजकों के साथ अलग नहीं करने के लिए आईपीएल गवर्निंग बॉडी की निंदा की थी। जिसका कुछ ही घण्टों में ही असर हो गया है।

इंडिया टुडे के सीनियर स्पोर्ट्स एग्जेक्यूटिव एडिटर विक्रांत गुप्ता ने बताया कि इस साल 2020 में VIVO IPL का प्रायोजक नहीं होगा। हालांकि ये 2021 में वापस आएगा और 2023 तक जारी रहेंगे। आईपीएल में इस 13वें संस्करण में आईपीएल का एक नया प्रायोजक होगा।

दरअसल IPL आयोजित कराने वाली IPL गवर्निंग काउंसिल की हाल की बैठक में ये निर्णय किया गया कि वो चीनी कंपनियों के साथ स्पॉन्सरशिप वाला करार रद्द नहीं करेंगे। इसी मुद्दे से नाराज RSS संगठन स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने ‘शहीद सैनिकों के प्रति अनादर’ दिखाने के लिए आईपीएल परिषद की जोरदार खिंचाई की।

IPL Trophy as Title Sponsor

डॉक्टर महाजन ने एक बयान में कहा कि “स्वदेशी जागरण मंच यह जानकर हैरान है कि इंडियन प्रीमियर लीग, जो टी 20 क्रिकेट मैच का आयोजन करता है इसने चीनी मोबाइल कम्पनी के स्पॉन्सरशिप के साथ आईपीएल आयोजित करने का फैसला किया है। इससे आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने चीनियों के सबसे जघन्य कृत्य से शहीद हुए सैनिकों के प्रति अपना अपमान प्रकट किया है।”

आगे कहा कि “इस समय, जब राष्ट्र हमारी अर्थव्यवस्था को बाजारों में चीनी प्रभुत्व से मुक्त बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, सरकार चीनी को हमारे बाजारों से बाहर रखने के लिए सभी प्रयास कर रही है, चीनी निवेश को बाहर रखेगी। और उधर चीनी कंपनियां बुनियादी ढांचा व दूरसंचार में बोली लगा रही हैं या निविदाएं जीत रही हैं।”

उन्होंने ये भी कहा कि “आईपीएल का यह कृत्य न केवल देश की मनोदशा का हनन है, बल्कि यह देश की सुरक्षा और आर्थिक चिंताओं का अनादर भी करता है।” उन्होंने चेतावनी दी कि “यदि आईपीएल आयोजकों ने उनके फैसले पर फिर से विचार नहीं किया, तो यह देशभक्त नागरिकों को आईपीएल का बहिष्कार करने का आह्वान करेगा, क्योंकि देश की सुरक्षा और सम्मान के ऊपर कुछ भी नहीं था।”

इंडियन प्रीमियर लीग की गवर्निंग काउंसिल ने रविवार को चीनी मोबाइल कंपनी VIVO सहित अपने सभी प्रायोजकों को बनाए रखने का फैसला किया। जून में पूर्वी लद्दाख में हुई हिंसक झड़पों के बाद चीनी प्रायोजन विवाद की हड्डी बन गया। बीसीसीआई से उम्मीद की गई थी कि वह दोनों देशों के संबंधों की गतिशीलता में बदलाव के मद्देनजर इस मामले को फिर से देखेगा।

आईपीएल के टाइटल प्रायोजक के रूप में, VIVO प्रति वर्ष लगभग 440 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा, जो 2022 में समाप्त होने वाली पांच-वर्षीय डील है। हालांकि इस कठिन माहौल में IPL GC का फैसला बदलना नामुमकिन ही लग रहा है।


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