‘सर, क्या स्वर्ग से सेनाओं की रक्षा कर सकते हैं’: रॉफेल आने पर पर्रिकर की याद में भावुक हुए भारतीय
नई दिल्ली: रॉफेल के भारत आगमन पर लोग मनोहर पर्रिकर को याद कर भावुक हो उठे।
आज जब पांच राफेल फाइटर जेट्स की पहली खेप भारत पहुंची है, तब फ्रांस के साथ डील करने वाले तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर बहुत याद आ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर पर्रिकर के प्रति देशवासियों का प्यार ट्विटर पर महसूस किया जा सकता है, जहां राफेल सौदे पर हस्ताक्षर करने वाले पर्रिकर की तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं।
पर्रिकर को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी लिखती हैं, “भाई को याद कर रही हूं”!
Remembering Bhai today 🙏 https://t.co/zZ31Sty24B
— Smriti Z Irani (@smritiirani) July 29, 2020
एक यूजर केशव पर्रिकर के लिए लिखते हैं, “इस डील के पीछे एक शख़्स हैं, मनोहर पर्रिकर महोदय, क्या आप हमारे सभी सशस्त्र बलों और उनके उपकरणों को स्वर्ग से सुरक्षित रख सकते हैं ? आज हम आपको सबसे ज्यादा याद कर रहे हैं।”
Our man behind this deal!!
Manohar Parrikar Sir 🙏✈️Sir, may you safeguard all of our armed forces and their equipments from heavens.
We are missing you the most today. 🙏#manoharparrikar #RafalePowersIndia #Rafale #ModiHaiTohMumkinHai https://t.co/b1IdMkgmU4
— Keshav (@keshavcric) July 29, 2020
ज्ञात हो कि 17 मार्च, 2019 को लम्बी बीमारी कैंसर के कारण पर्रिकर का निधन हो गया था। आज भारत राफेल सहित कई रक्षा उपकरण व तकनीकी खरीद कर रहा है।
29 जुलाई 2020 को कुल 10 जेट प्राप्त हुए, जिनमें से पांच अंबाला एयरबेस में वायु सेना के बेड़े में शामिल हो गए। शेष 5 राफेल प्रशिक्षण मिशन के लिए फ्रांस में रहेंगे। 12 पायलटों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। बाकी को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि 23 सितंबर 2016 को, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने 36 राफेल युद्ध विमानों पर नई दिल्ली में फ्रांस के तत्कालीन रक्षा मंत्री के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। डसॉल्ट एविएशन राफेल के लिए लगभग 59 हजार करोड़ का सौदा हुआ था। राफाल के लिए फ्रांस के साथ बातचीत 1999-2000 में शुरू हुई। उन दिनों वायु सेना लड़ाकू विमानों के घटते बेड़े को लेकर चिंतित थी।
2016 में सौदे के समय, यह अनुमान लगाया गया था कि राफेल 2019 में आना शुरू हो जाएगा। हालांकि, इसकी अवधि बढ़ गई और अब यह इंतजार खत्म हो गया है। कहा जा रहा है कि 2021 के अंत तक सभी 36 राफेल विमान भारत पहुंच जाएंगे।
कैमरों पर पाबंदी:
मिसाइलों और घातक बमों से लैस घातक फाइटर जेट राफेल 29 जुलाई को अम्बाला एयरबेस पहुंचे जिसको देखते हुए आज अंबाला एयरबेस के आसपास 144 लागू कर दी गई थी। सुरक्षा के दृष्टि से यहाँ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर भी लगी पाबंदी लगा दी गई थी।
27 जुलाई को फ्रांस से निकले 5 राफेल सोमवार को अबूधाबू में रेस्ट के लिए रोके गए थे। इधर भारतीय दूतावास ने इन राफेल विमानों और जाबांज पायलटों की तस्वीर भी जारी की थी। चीन और पाकिस्तान से चल रहे विवाद को देखते हुए इन फाइटर जेट की इस समय भूमिका काफी अहम मानी जा रही है।
चीन को टक्कर देगा भारत का रॉफेल:
रॉफेल जेट विमान के वायुसेना मे शामिल होने से इसकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। सभी 5 राफेल को अंबाला बेस कैंप में तैनात किया जाएगा। भारतीय राफेल के मुकाबले चीन में चेंगदू J-20 (Chengdu J-20) और पाकिस्तान में एफ-16 लड़ाकू विमान है। लेकिन पूर्व वायुसेना प्रमुख धनोबा ने कहा कि “रॉफेल गेम चेंजर है, चीनी J20 इसके करीब भी नहीं है।”
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