अंतरराष्ट्रीय संबंध

चीन को बड़ा झटका, भारतीय रेल्वे नें चीनी कंपनी का 471 करोड़ का ठेका किया रद्द !

नई दिल्ली: रेलवे ने सैकड़े करोड़ों के ठेके को रद्द कर चीन को काफी तगड़ा झटका दे दिया है।

भारत में सीमा विवाद के बाद चीनी बहिष्कार की मुहिम काफी आक्रामक तेवर के साथ जारी है। इसी क्रम में रेलवे ने शुक्रवार को ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर सिग्नलिंग और टेलीकम्युनिकेशन के काम के लिए एक चीनी कम्पनी के साथ ठेका रद्द कर दिया है।

यह कार्य (परियोजना) कानपुर और मुगलसराय के बीच गलियारे के 417 किलोमीटर के हिस्से पर किया जाना था। इस मसले पर परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) के प्रबंध निदेशक अनुराग सचान ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि ”आज (शुक्रवार) को समाप्ति पत्र जारी किया गया। बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन ग्रुप को 14 दिनों के नोटिस के बाद समाप्ति पत्र जारी किया गया था, जिसने 2016 में 471 करोड़ रुपये का अनुबंध हासिल किया था।”

अधिकारियों ने पहले कहा था कि परियोजना से चीनी फर्म को बाहर करने की प्रक्रिया जनवरी 2019 की शुरुआत में शुरू हो गई थी क्योंकि यह अपने काम को पूरा करने में विफल रही थी।

उन्होंने कहा कि तब तक फर्म केवल 20 फीसदी काम ही पूरा कर पाई थी। DFCCIL ने विश्व बैंक से संपर्क किया, जो इस साल अप्रैल में इस अनुबंध को समाप्त करने के अपने निर्णय की जानकारी देते हुए इस परियोजना को वित्तपोषित कर रहा है।

सचान ने कहा कि “हमने खराब प्रगति के कारण चीनी फर्म के अनुबंध को समाप्त कर दिया है जिसके कारण हमारे काम में काफी देरी हुई। हमें अभी तक उनसे (विश्व बैंक) एनओसी प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन हमने उन्हें (विश्व बैंक) सूचित किया है कि हम अनुबंध को समाप्त करने को और इस काम को हम अपने दम पर पूरा करेंगे।”

चीनी इंजीनियरिंग प्रमुख द्वारा सौंपे गए कार्य में 417 किलोमीटर के खंड के लिए सिग्नलिंग, दूरसंचार और संबंधित कार्यों के डिजाइन, निर्माण, आपूर्ति, परीक्षण और कमीशन शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शन के मुद्दों के अलावा, चीनी कंपनी ने तकनीकी दस्तावेज प्रस्तुत करने में भी अनिच्छा दिखाई थी।

उन्होंने यह भी कहा कि “कंपनी के पास परियोजना स्थल पर इंजीनियर या अधिकृत कर्मी नहीं थे जो एक गंभीर चिंता का विषय था।

अधिकारियों ने बताया कि कंपनी स्थानीय एजेंसियों के साथ टाई-अप करने में विफल रही, जिसने काम की भौतिक प्रगति को नुकसान पहुंचाया। एक अधिकारी ने कहा, “हर संभव स्तर पर उनके साथ बार-बार बैठक के बावजूद प्रगति में कोई सुधार नहीं हुआ है।”

बता दें कि ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर या ईस्टर्न डीएफसी भारत के उत्तरी से पूर्वी हिस्से में निर्माणाधीन एक विशिष्ट रेलवे गलियारा है जोकि 2022 तक पूरा होने वाला है।


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Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Riwa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas. Moreover, Tiwari Ji is from a science background and had scored more than 95% in his intermediate exams!

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