योगीराज में ‘चीनी’ मुक्त दीवाली: दीये-मूर्ति बनाने को कुम्हारों को सामान फ़्री देगी योगी सरकार !
लखनऊ : चीनी उत्पादों की जगह देशी समान का उपयोग बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
उजाले के प्रतीक यानि दीपावली पर इस बार देश नई तैयारियां कर रहा है। समाचार है देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश से जहां के मुखिया योगी आदित्यनाथ नें पड़ोसी देश चीन से आने वाली मूर्तियों, दीयों और झालरों पर निर्भरता कम करने के लिए विशेष एक्शन प्लान पर काम शुरू हो गया है। इसके लिए जुलाई अगस्त में माटी कला बोर्ड के कलाकारों की ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री के हालिया आदेशों के बाद राज्य के कुम्हारों को मूर्तियां और दीपक बनाने के लिए उपकरण फ्री दिए जाएंगे। फैसले में कहा गया कि सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह सुविधा गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ के कलाकारों को दी जाएगी।
इस योजना के लिए शुक्रवार को उपर्युक्त तीनों जिलों के कलाकारों और खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के अधिकारियों की लखनऊ में हुई बैठक में निर्णय लिया गया।
ये योजना उस आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा है जिसको लेकर देश के मुखिया नरेंद्र मोदी ने मई माह में अपने संबोधन में आव्हान किया था। उन्होंने वोकल फ़ॉर लोकल का नारा दिया था जिसे उत्तरप्रदेश में चरितार्थ करने के लिए खुद योगी आदित्यनाथ की सरकार आगे आई है।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी के 'चीनी' मुक्त दीपावली प्लान पर काम शुरू, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति और दीये बनाने को कुम्हारों को फ्री मिलेंगे ये सामान
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— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) June 8, 2020
आज भी गांवों में कई कुम्भकार समाज के लोगों की रोजीरोटी का माध्यम उनकी कला है लेकिन दुर्भाग्य से देश में चीनी उत्पादों नें उनके पेट पर लात मारने का काम किया था। ये लोग अपने घर में मिट्टी के दिए, घड़े, खपड़ैल, बर्तन बेहद कम लागत में तैयार कर लेते थे और आसपास के गांवों में इसे बेचा करते थे।
लेकिन शहरों की देखा सीखी ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इन्हें छोड़कर शहरों से चीनी समान लाने लगे। इसका मुख्य कारण यह होता है कि ये दिखने में ऊपर से चमकदार दिखाई देते हैं हालांकि टिकाऊ बिल्कुल नहीं होते।
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Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Rewa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas.