43 साल पहले 3 लड़के एक साथ NDA की ट्रेनिंग कर रहे थे आज वो तीनों सेना प्रमुख हैं !
नईदिल्ली : 43 साल पहले NDA में ट्रेनिंग करने वाले बच्चे आज तीनों सेनाओं के प्रमुख के रूप में देश की सेवा कर रहे हैं।
थलसेना प्रमुख-जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, वायु सेना प्रमुख-एयर प्रमुख मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया एवं नौसेना प्रमुख-एडमिरल करमबीर सिंह ये तीनों सैन्य अधिकारी एनडीए के 1976 बैच के बैचमेट हैं | अब 31 दिसम्बर 2019 को 59 वर्षीय सैन्य अधिकारी मुकुंद नरवणे के 28वें थलसेना अध्यक्ष के रूप में कार्यभार सँभालने से यह गज़ब का संयोग बना है | भारतीय सेनाओं के इतिहास में ऐसा 28 साल बाद फिर हुआ है कि एक ही एनडीए बैच के कैडेट तीनों सेनाओं के अध्यक्ष बने हैं |
वर्ष 1976 में, जब तीन 17 वर्षीय युवा राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में एक साथ प्रशिक्षण ले रहे थे, तो उन्हें शायद ही पता रहा होगा कि एक दिन वे सशस्त्र बलों के प्रमुख के रूप में साथ में देश की सेवा करेंगे।
थल सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, जनरल मनोज मुकुंद नरवने अपने बैचमेट्स एडमिरल करमबीर सिंह के साथ जुड़ गए हैं, जो नौसेना स्टाफ के प्रमुख हैं और राकेश कुमार सिंह भदौरिया, वायु सेना प्रमुख।
एडमिरल करमबीर सिंह ने 31 मई को नौसेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाला, जबकि एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया 30 सितंबर को भारतीय वायु सेना प्रमुख के रूप में शामिल हुए।
इन तीनों सैन्य अधिकारियों के बारे में बताया गया कि NDA में अपने तीन साल के ट्रेनिंग के पूरा होने के बाद, जून-जुलाई 1980 में अधिकारियों के रूप में कमीशन पाने से पहले वे सभी अपनी-अपनी सेवा अकादमियों में चले गए थे।
इस दुर्लभ संयोग को लेकर सेना के अधिकारियों नें मीडिया से बातचीत में बताया कि NDA बैच के ये तीनों साथियों के लिए अपनी सेवाओं के प्रमुख बनने के लिए यह अत्यंत दुर्लभ है।
क्योंकि जन्म की तारीख, कैरियर की प्रगति, योग्यता, वरिष्ठता जैसे कई घटनाक्रम साथ चले होंगे। वहीं दूसरे अधिकारी ने कहा कि एनडीए में शामिल होने से पहले एडमिरल सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने दोस्त थे क्योंकि उन्होंने उसी स्कूल में कुछ वर्षों तक अध्ययन किया था। जबकि एडमिरल सिंह “हंटर” स्क्वाड्रन में थे, एसीएम भदौरिया और लेफ्टिनेंट जनरल नरवाना एनडीए में “लीमा” स्क्वाड्रन में थे।
इससे पहले इसी तरह के एक उदाहरण में, जनरल एसएफ रोड्रिक्स, एडमिरल एल रामदास और एसीएम एनसी सूरी, जो एनडीए के ही बैचमेट थे उन्होंने दिसंबर 1991 में एनडीए के 81 वें कोर्स की पासिंग आउट परेड में भाग लिया था।
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