यूपी और एमपी में पाई गईं 7 हजार साल पुरानी 3 औषधियाँ
नई दिल्ली: इतिहास से जुड़ी दुर्लभ कलाकृतियों के रूप में ऐसी औषधियां जो 7 हजार वर्षों से भी अधिक प्राचीन हैं… ऐसे दस्तावेज जो आयुर्वेद की औषधियों का सबसे पुरातन प्रमाण हैं… आज भी उसी रूप में उपलब्ध हैं।
दरअसल आयुष मंत्रालय ने एक जानकारी साझा करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के उत्तर पूर्वी विंध्य में जले हुए “आमलकी फल” मिले हैं, मध्यप्रदेश के ही टोकवा में जले हुए “हरीतकी फल” मिले हैं और यूपी के टोकवा में जले हुए “जौ के दाने” मिले हैं… सब 7 हजार ईसा पूर्व के।
इनका उपयोग तब औषधीय उत्पादों के रूप में किया जाता था। ऐसे ही और भी तमाम महत्वूर्ण साक्ष्यों को देखने के लिए ‘साही (SAHI) यानी शोकेस ऑफ आयुर्वेद हिस्टोरिकल इम्प्रिंट्स’ पोर्टल पर जानकारी दी गई है।
आमलकी फल
संसाधन प्रकार: पुरातत्व, पुरातत्व कलाकृति स्थान: उत्तर पूर्वी विंध्य, मध्य प्रदेश
विवरण: निर्वाह के लिए औषधीय उत्पादों का उपयोग
समय अवधि- 7000 ईसा पूर्व
हरीतकी फल
संसाधन प्रकार: पुरातत्व पुरातत्व वानस्पतिक
कलाकृति स्थान: टोकवा मध्य प्रदेश
विवरण: निर्वाह के लिए औषधीय उत्पादों का उपयोग
अवधि – 7000 ईसीई
जले हुए जौ
अनाज संसाधन प्रकार: पुरातत्व, पुरातत्व संबंधी कलाकृतियां
स्थान: टोकवा, उत्तर प्रदेश
विवरण: निर्वाह के लिए औषधीय उत्पादों का उपयोग समय अवधि – 7000 ईसा पूर्व