हरे कृष्णा

105 साल की अशिक्षित रतनबाई, जिन्हें मौखिक याद हैं 700 गीता श्लोक, सीढियां चढ़ रोज जाती हैं मंदिर

राजस्थान – रावतभाटा चारभुजा की 105 साल की महिला रतनबाई अनपढ़ होने के बावजूद उन्हें गीता के 700 श्लोक याद हैं. अक्सर हमें सुनने को मिलता है कि उम्र की कोई सीमा नहीं होती है. इस वाक्य को रावतभाटा की रतनबाई ने सिद्ध कर दिया है.

देखा जाए तो उम्र किसी भी काम में बाधा नहीं डालती है. बस आपके अंदर जज्बा होना चाहिए कुछ कर गुजरने का, ऐसा ही जज्बा रावतभाटा चारभुजा की रतनबाई ने दिखाया हैं.

रतनबाई की कहानी

भले ही आज के स्टूडेंट्स को अपना पाठ याद करने के लिए घंटों मेहनत करनी पड़ती है. फिर भी पाठ भूल ही जाते हैं. लेकिन रावतभाटा चारभुजा की 105 साल आयु की अनपढ़ महिला रतनबाई को गीता के 700 श्लोक मौखिक याद है.

आज के समय में रतनबाई की लगन, आस्था और श्रद्धा, किसी प्रेरणादायक कहानी से कम नही है. रतनबाई को भूलने की इस उम्र में भी पिछले 80 सालों से गीता के 700 श्लोक मौखिक याद है.

प्रसिद्ध चारभुजा मंदिर

प्रसिद्ध चारभुजा मंदिर एक ऐतिहासिक एवं प्राचीन हिन्दू मन्दिर है. जो भारत के राजस्थान राज्य के राजसमंद ज़िले की कुम्भलगढ़ तहसील के गढब़ोर गांव में स्थित है. यह प्रसिद्ध मंदिर उदयपुर से 112 और कुम्भलगढ़ से 32 कि.मी. की दूरी पर स्थित हैं. जहां चारभुजा जी की बड़ी ही पौराणिक चमत्कारी प्रतिमा आज भी हैं.

रतनबाई की उम्र भले ही 105 साल हो गई हो. लेकिन रतनबाई का धर्म, अध्यात्म और श्रद्धा के प्रति लगन कम नहीं हुई है. रावतभाटा क्षेत्र के इस प्रसिद्ध चारभुजा मंदिर में रतनबाई 105 वर्ष की उम्र में हर रोज सीढियां चढ़कर मंदिर पहुंचती हैं. उनकी इस उम्र में सक्रियता को देखकर अन्य महिलाएं भी प्रेरणा लेती हैं.

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