सागर जिले में पिछले 3 माह में 92 बच्चों ने हारी ज़िंदगी, प्रशासन बेपरवाह
एमपी के सागर जिले के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के NICU और PICU से बेहद चौकाने वाली खबर सामने आई है। पिछले तीन महीनो में यहां पर करीब 92 बच्चो की मौत हुई है। जो डेथ रेट का 28 फीसदी से ज्यादा है। बीएमसी से इस तरह की खबर सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे और प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
जिम्मेदार बड़े अधिकारी इस पर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे है। तो विधायक सांसद ने इस पर चिंता व्यक्त की है। वही बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के प्रभारी डीन आरएस वर्मा ने डेथ रेट ज्यादा होने की कई वजह बता दी। जिसमे डॉक्टरों की कमी होना, दूसरे अस्पतालों से रैफर होकर नवजात बच्चो का आना, कम वजन के बच्चे पैदा होना बताया साथी ही एक कारण मेडिकल कॉलेज में बच्चो के वार्डो का अप्रेल माह में शुरू होना भी एक वजह बताई है ।
सागर विधायक शैलेंद्र जैन का कहना है कि “इस तरह के फिगर बेहद चौकाने वाले है। कल बीएमसी में मेने समीक्षा बैठक भी की थी लेकिन इस तरह का कोई विषय सामने नहीं आया। इन लोगों का इस तरह की या तो कोई जानकारी नहीं थी या फिर जानकारी छिपा रहे है। मैंने फोन पर प्रभारी डीन से बात की है, उनसे अन्य जगह के फिगर लेने को कहा है अगर डेथ रेट जायदा है तो हम लोग जाकर समीक्षा करेंगे।”
वही सागर सांसद राजबहादुर सिंह बोले कि अगर बीएमसी में किसी विभाग की गलती से यह सब चीजें हो रही है और लोगों को गुमराह कर रहे हैं तो निश्चित तौर पर हम लोग कार्रवाई करवायेंगे।
गौरतलब है की करीब 8 महीने पहले सागर में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज शुरू होने के करीब 10 साल बाद NICU वार्ड की शुरुआत थी लेकिन इसे सागर का दुर्भाग्य कहे की शुरुआती साल में ही यहाँ इतने बच्चो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।