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‘राजीव गांधी ने एक बार भारत से खड़े-खड़े इटली में भाला फेंक दिया था’- खेल रत्न के नाम पर रेसलर का कटाक्ष

नई दिल्ली: खेल दिवस पर मशहूर रेसलर ने राजीव गांधी के नाम वाले पुरस्कार पर टिप्पणी की है।

29 अगस्त को देश जब मेजर ध्यानचंद कक जयंती पर राष्ट्रीय खेल दिवस मना रहा है उसी दिन देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न के नाम पर सवाल उठे हैं। ये सवाल खुद देश की मशहूर रेसलर बबिता फोगाट ने उठाए हैं। बबिता ने कटाक्ष करते हुए कहा कि “क्या राजीव गांधी के नाम से इसलिए खेल रत्न पुरस्कार दिया जाता है कि उन्होंने एक बार भारत से खड़े-खड़े इटली में भाला फेंक दिया था।”

क्या राजीव गांधी कोच थे:

उधर राजीव गांधी के नाम वाले पुरस्कार खेल रत्न का नाम बदलने की माँग भी उठ गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय सामने आए हैं।

उपाध्याय ने सवाल खड़े कर कहा कि “क्या राजीव जी राष्ट्रीय स्तर के कोच थे ? क्या राजीव जी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी थे ? क्या हमारे देश में खिलाड़ियों का अभाव है ? यदि नहीं तो देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी जी के नाम पर क्यों है ?”

अंत में उन्होंने सिफारिश देते हुए कहा कि “देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार देवव्रत अर्जुन या एकलव्य के नाम पर होना चाहिए।”

पूर्व कांग्रेस नेता ने भी की थी माँग:

देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार “राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार” के नाम बदलने की मांग पूर्व कांग्रेस नेता ने भी उठाई थी। जिसको लेकर खुद खेल मंत्री किरेन रिजिजू भी अब सामने आ थे

महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व सचिव शहजाद पूनावाला नें राजीव गांधी के नाम से अवॉर्ड होने पर सवाल उठा ए थे। उन्होंने कहा था कि भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान, खेल रत्न पुरस्कार राजीव गांधी के नाम पर क्यों दिया जाता है ? क्या वो एक खिलाड़ी थे ?”

आगे शहजाद नें राजीव गांधी की बजाय हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न का नाम करने की मांग की थी।

शहजाद नें अंत में ये भी कहा था कि कांग्रेस ने कई ऐसे विरासत मुद्दे बनाए हैं और हमें हर एक को सही समय पर संभालने की जरूरत है। और मुझे विश्वास है कि भारत और सरकार इस बात को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद करेंगे।”

खेलमंत्री ने दी थी प्रतिक्रिया:

शहजाद की माँग का समर्थन खेल पत्रकार व कमेंट्रेटर समीप राजगुरु नें भी किया। समीप नें कहा था कि निश्चित ही राजीव गांधी खेल रत्न उचित नहीं है।”

उधर नाम बदलने की इस माँग पर खेल मंत्री किरेन रिजिजू नें नामकरण के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया था। रिजिजू ने कहा था कि “ये हमारी सरकार नहीं है जिसने इसे “राजीव गांधी खेल रत्न” नाम दिया है। यह कांग्रेस शासन के दौरान तय किया गया था।”

 


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