MP में महुए की शराब बनाकर बेच सकेंगे जनजातीय, दर्ज छोटे मुकदमे होंगे वापस: CM शिवराज
झाबुआ: मध्यप्रदेश में महुए की शराब बना कर जनजातीय बेच सकेंगे वहीं परंपरागत शराब बनाने और बेचने वालों पर मुकदमा कायम नहीं होगा। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंगलवार को झाबुआ में जनजातीय सम्मेलन का शक्ति स्वरूपा बेटियों का पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने 50 वर्ष से अधिक राज किया, लेकिन उन्होंने जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में स्कूल और कॉलेज नहीं खोले, स्कूल और कॉलेज खोलने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया। मेरे मेधावी जनजातीय बेटे – बेटियों मैं तुमसे कहने आया हूं कि मन लगाकर पढ़ना, तुम्हारा एडमिशन मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसे कॉलेजों में होगा, तो तुम्हारी फीस तुम्हारा मामा शिवराज भरवायेगा।
उन्होंने कहा कि मेरे गरीब और जनजातीय भाई – बहनों, जिनका परिवार बहुत बड़ा हो गया और घर में रहने का स्थान नहीं है, ऐसे परिवारों को पट्टा देकर भूखण्ड का मालिक बनाया जायेगा। हर साल धूमधाम से झाबुआ उत्सव मनाया जायेगा, जहां जनजातीय बेटे – बेटियां अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
एक महत्वपूर्ण घोषणा में मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 नवंबर पर भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस धूमधाम से मनाया जायेगा। मध्यप्रदेश में महुए की शराब बना कर जनजातीय भाई – बहन बेच सकेंगे। परंपरागत शराब बनाने और बेचने वालों पर मुकदमा कायम नहीं होगा। प्रदेश सरकार नई आबकारी नीति बनायेगी और जनजातियों पर दर्ज सभी छोटे मकदमे वापस लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राशन आपके द्वार योजना हम प्रारंभ कर रहे हैं। इसमें अब हमारे जनजातीय भाई – बहनों को दूसरे गांव में दुकानों तक नहीं जाना होगा, बल्कि गाड़ियों में भरकर राशन आपके द्वार आयेगा। इन गाड़ियों के मालिक भी हमारे जनजातीय बेटे ही होंगे। मैं स्व. दिलीप सिंह भूरिया जी के चरणों में प्रणाम करता हूं। उनका पेसा एक्ट बनाने में बहुत योगदान है, मैं इसे मध्यप्रदेश की धरती पर जनजातियों के कल्याण के लिए लागू कर रहा हूँ।
अंत में उन्होंने कहा कि महुआ का फूल अचार की चिरौंजी, तेंदूपत्ता, सब जनजातीय भाई – बहनों का है। अब वनोपज ठीकेदारों के माध्यम से नहीं, वन समितियों के माध्यम से बेचा जायेगा, ताकि अधिक पैसा हमारे जनजातीय भाई बहनों को मिल सके। नई रेत नीति बनाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को बालू निःशुल्क उपलब्ध करायेंगे, ताकि गरीब भी अपना मकान सरलता से बना सकें।