इस तरह चलने से बढ़ जाएगी याददाश्त, तुरंत महसूस होगा बदलाव – अमेरिकी शोधकर्ता
वाशिंगटन डीसी : अमेरिका में हुई एक स्टडी में यह जानने का प्रयास किया गया है की इंसान के चलने के ढंग से कैसे याददाश्त बढ़ती या घटती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ रोहम्पटन के शोधकर्ताओं ने ऐसा ही एक शोध कुछ लोगो पर किया, शोधकर्ताओं ने लोगो को तीन अलग अलग समूहों में बाँट दिया। शोध में कुल 114 लोगो को शामिल किया गया, जिसमे एक समूह को आगे चलने के लिए, दूसरे को पीछे चलने के लिए व तीसरे को सिर्फ खड़े रहने के लिए कहा गया था।
शोधकर्ताओं द्वारा तीनो समूहों को एक वीडियो दिखाई गयी जिसमे एक महिला एक बैग चुरा कर भागती हुई दिख रही थी जिसके आधार पर लोगो से प्रश्न पूछे गए। पूछे गए प्रश्नो का सबसे अधिक उत्तर पीछे की ओर चलने वाले समूह के लोग दे पाए।
इसके बाद समूहों को शब्दों की एक लिस्ट दिखाई गई जिसके बाद फिर से कुछ लोगो को सीधा, कुछ को खड़ा रहने के लिए व कुछ को पीछे चलने को कहा गया। इस बार भी पीछे चलने वालो की याददाश्त आगे चलने वालो से अधिक रही।
ऐसी ही दो गतिविधिया और कराई गयी जिनमे पीछे चलने वालो कि याददाश्त ने बाजी मार ली, कुल सभी प्रतिस्पर्धाओ में पीछे चलने वाले समूहों ने बाजी मारी।
जिसके बाद शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे की पीछे चलने वाले लोगो की याददाश्त में इजाफा अधिक होता है बजाये सीधे चलने के और सीधे खड़े रहने के।
हालाँकि अभी तक यह साफ़ नहीं हो पाया है की चलने से किस प्रकार यह हमारे दिमाग पर असर डालता है। वही डॉ अक्सेन्टीजेविक ने बताया की “हमें उम्मीद है की जल्द ही आगे होने वाले शोधो से इस बात का भी पता चल जायेगा”।