दलित युवक की प्रेमिका को ऊँची जाति का बता थूक चटाने व जूते की माला पहनाने की खबर फर्जी, पिछड़ा वर्ग से है सभी आरोपी
जबलपुर: सोशल मीडिया पर एक अनुसूचित जाति के प्रेमी को ऊँची जाति की युवती से प्रेम करना भारी पड़ने सम्बंधित पोस्ट को वायरल किया जा रहा है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि दलित युवक को ऊँची जाति की अपनी प्रेमिका को मोबाइल फ़ोन उपहार में देना भारी पड़ गया। साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि युवक को परिजनों ने गंजा किया व थूक चाटने पर विवश किया।
भीम आर्मी के नेता सुनील अस्तेय ने फेसबुक पर लिखा कि “गांव के दलित राजकुमार को गांव की उच्च जाति की लड़की, आपस मे प्रेम था लड़की ने बात करने के लिये फोन मांगा,फोन की खबर बाप को मालूम पड़ी तो उच्च जाति के लोगो ने लड़के,दोस्त का सिर मुंडवाया,जूते की माला पहनाकर थूक चटवाया,मारपीट कर पैर छुआये, गांव में मारते हुये जुलूस निकाला।”
वहीं इंडिया टुडे ने अपनी हैडलाइन में “Four held for ‘tonsuring’ Dalit youth for falling in love with upper caste woman in MP’s Jabalpur ” अर्थार्त “मप्र के जबलपुर में ऊंची जाति की महिला से प्यार करने के आरोप में दलित युवक का ‘मुंडन’ करने के आरोप में चार गिरफ्तार” लिख कर ऊँची जाति को दलित शोषण के लिए जिम्मेदार ठहराया।
साथ ही दलित वॉइस के नाम से ट्विटर हैंडल ने भी ऊँची जाति की युवती से प्रेम करने पर दलित युवक की पिटाई की बात लिखी।
क्या है मामला
नियो पोलिटीको की टीम ने जब ग्राउंड पर पहुंचकर मामले को जाना तो ज्ञात हुआ कि घटना चरगंवा थाना अंतर्गत दामन खमरिया गांव की है। मामला 22 मई का है जोकि सोशल मीडिया पर अब वायरल हुआ है। ग्रामीणों ने हमें बताया कि गाँव में रहने वाले 21 वर्ष के राजकुमार मेहरा का एक युवती के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। राजकुमार ने युवती से बात करने के लिए उसे कुछ दिन पहले ही एक फ़ोन उपहार में दिया था। कुछ दिन तक चोरी छिपे दोनों फ़ोन पर बात करते रहे लेकिन 22 मई को युवती के पिता ने लड़की के पास से फ़ोन को पकड़ लिया। पिता ने जब लड़की से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारी बाते पिता को बता दी। पिता और परिवार के अन्य लोगों ने राजकुमार और उसके दोस्त महेंद्र को पकड़ लिया व घर ले आए। दोनों का मुंडन कर जूते-चप्पलों की माला पहनाई गई जिसकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
पिछड़ा वर्ग से है आरोपी, ऊँची जाति का तर्क गलत
हमने जब आरोपी की पहचान को जानना चाहा तो पता चला कि सभी आरोपी पिछड़ा वर्ग से आते है। इस मामले में एक भी व्यक्ति ऊँची जाति से नहीं था। आरोपियों की पहचान पवन यादव, शिवकुमार यादव, नन्हेलाल यादव व घनश्याम यादव के रूप में हुई है जोकि राज्य की पिछड़ी जाति के रूप में चिन्हित की जाती है।
साथ ही स्थानीय पुलिस ने हमें बताया कि आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 294, 323, 506, 342, 355, 34 के साथ एट्रोसिटी एक्ट की धारा 3(1)(र), 3(1)(S), 3(1)(D), 3(1)(E), 3(2)(5)(A) के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है। यह कहना गलत है कि इस मामले में ऊँची जाति के लोगो की संपलिप्ता है।