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टिकटोक बैन होने से 48 घंटे में Roposo के हुए 8 करोड़ से अधिक डाउन लोड्स, 10 हज़ार लोगो को नौकरियां देगी कंपनी

नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा 59 चीनी ऐप्स को बैन करने के फैसले के बाद से ही टिकटोक को हुए आर्थिक नुक़सान पर लगातार कई खबरे आ रही है।

सरकार के तकनीकी मंत्री जहां इसे डिजिटल स्ट्राइक का नाम दें रहे तो वहीं खाली हुए इस नए स्पेस को भरने के लिए भारतीय डिजिटल वीडियो शेयरिंग कंपनियां अवसर को भुनाने में लग गई है।

20 करोड़ से अधिक भारीतय यूजर्स वाली टिक टोक के एक दम से बैन हो जाने के कारण भारतीय वीडियो ऐप रोपोसो को सबसे अधिक फायदा पंहुचा है।

रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक रोपोसो ऐप ने बीते 48 घंटे में ही 2 करोड़ 20 लाख से अधिक नए यूजर्स अर्जित कर लिए है जिससे ऐप के फाउंडर मयंक भांगड़िया बेहद उत्साहित है।

दिल्ली IIT से आने वाले मयंक ने रोपोसो को वर्ष 2014 में लांच किया था। कंपनी के मुताबिक रोपोसो 15 भाषाओं में उपलब्ध है। न्यूज एजेंसी रायटर्स से बातचीत में मयंक ने कहा कि बीते कुछ दिनों में वह कुल मिलाकर सिर्फ 5 घंटे ही सोये है और यही हाल इनकी पूरी टीम का रहा है।


रोपोसो ऐप कि मांग में आये एकाएक उछाल से भारतीय कंपनी के लिए सफलता के कई द्वार खुल गए है जिसे मयंक स्वदेशी व मेड इन इंडिया का एक अच्छा उदाहरण बता रहे है।

कम्पनी के मुताबिक इस समय रोपोसो के कुल मिलाकर 8 करोड़ से अधिक डाउन लोड्स हो चुके है जो बैन से पहले महज 5 करोड़ के करीब थे। एक्सपर्ट्स के अनुसार आने वाले कुछ दिनों में ही कंपनी 10 करोड़ के माइलस्टोन को भी पार कर सकती है। ऐसे में भारत में नौकरिया भी बढ़ेगी।

दस हज़ार लोगो को रोजगार देगी रोपोसो
200 लोगो के स्टाफ वाली बैंगलोर स्थित रोपोसो कंपनी बढ़ती मांग के कारण जल्द ही कई नौकरियों के लिए आवेदन मांगेगी। फाउंडर मयंक के अनुसार आने वाले दो सालो में ही कंपनी अकेले 10 हज़ार लोगो को नौकरिया प्रदान करने वाली है। इसी के साथ वह रोपोसो को वैश्विक स्तर पर भी लांच करने वाले है।

आपको बता दें कि रोपोसो के अलावा चिंगारी व मित्रों ऐप भी धीरे धीरे मार्किट में टिक टोक की जगह ले रही हैं। साथ ही ज़ी मीडिया भी अपनी एक वीडियो ऐप HiPi आने वाले दो महीनों के भीतर लांच कर सकती हैं।

भारत सरकार के इस कदम से यह तो तय हैं कि इसका फायदा भारत की स्वदेशी कंपनियों को मिलने वाला हैं लेकिन गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए भी इन कंपनियों को कई चुनौतियों से भी निपटना होगा।


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