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महाराष्ट्र: भूखी गऊ ने खा लिया पपीता तो दुकानदार मुजावर ने चाकू से पेट काटकर निकाला, गिरफ्तार

महाराष्ट्र के रायगढ़ में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई हैं. जिसमें एक निर्दयी दुकानदार ने एक गाय का पेट काट डाला.

जिसने ना सिर्फ आम जन बल्कि पशु प्रेमियों के साथ-साथ मानवता को भी पूरी तरह से कलंकित कर दिया हैं. जहां इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया हैं. मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना में पशु पक्षियों के प्रति द्वेष भावना का स्पष्ट रूप देखा जा सकता हैं.

मानवता को शर्मसार करने वाली घटना

घटना रायगढ़ महाराष्ट्र के मुराद पुलिस थाना अंतर्गत आने वाले क्षेत्र की जिसमें तौफीक बशीर मुजावर नामक एक निर्दयी फल व्यापारी जिसकी एक फलों की दुकान हैं. जिस पर से एक भूखी गाय ने उसकी दुकान से एक पपीता खा लिया. जिसके चलते गुस्से में बशीर मुजावर ने चाकू से गाय का पेट फाड़कर वह पपीता बाहर निकाल लिया. गाय का बहता खून देखकर आसपास के लोगों ने उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल तक पहुंचाया.

चश्मदीद बताते हैं कि मानवता को कलंकित करने वाली इस घटना की हद तो तब हो गई जब गाय के पपीता खाने से बशीर गुस्से से लाल अपने घर के अंदर गया और चाकू लेकर आया. और फिर गाय का पेट फाड़कर वह पपीता बाहर निकाल लिया. और उस गाय को तड़पती छोड़ जाकर वापिस अपनी दुकान पर जाकर बैठ गया.

आरोपी हुआ गिरफ्तार

जानकारी के अनुसार गाय के मालिक की तरफ से बशीर मुजावर के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. जिसके चलते बशीर मुजावर को गिरफ्तार कर लिया गया हैं. उसके बाद उसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया जहां से उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया हैं.

Cow (Rep. Pic India.Com)

गाय की हालत अभी गंभीर बनी हुई है और डॉक्टरों के अनुसार उसका दर्द कम करने के लिए उसे इंजेक्शन दिए गए हैं. वही लोगों का कहना है कि बसीर मुजावर फल विक्रेता की आड़ में असल में एक निर्दयी और बेरहम कसाई से भी गया गुजरा निकला जिसके बारे में क्षेत्र में तनाव का माहौल हैं.

आज संसार में पशुओं का उत्पीड़न जिस बुरी तरह से किया जा रहा हैं. उसे देखकर किसी का भी ह्रदय दया से भरकर कराह उठ होगा. पशुओं पर होने वाला अत्याचार मानवता पर एक कलंक है. समस्त प्राणी-जगत में सबसे श्रेष्ट कहे जाने वाले मनुष्य का पशुओं के साथ क्रूरता करना कहाँ तक जायज़ है. इंसानियत यही कहती हैं कि अन्य जीव-जन्तुओ पर दया करे, उन्हें कष्ट से बचाए, पाले और उनकी रक्षा करे यही मानवता का धर्म हैं.

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