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राज्यसभा सांसद ने संसद में उठाया मुद्दा- एएमयू व जमिया में एससी-एसटी व ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं ?

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हरिनाथ सिंह यादव ने अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में दलित पिछड़ों के आरक्षण का मुद्दा उठाया है।

राज्य सभा मे विपक्ष के शोर शराबे के बीच सांसद हरिनाथ ने शून्यकाल में मुद्दा उठाया और केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से पूछा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया दिल्ली में शिक्षक भर्ती व छात्र प्रवेश में ओबीसी, एससी आरक्षण क्यो नहीं?

इसके अलावा उन्होंने माँग की कि ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सको व सहयोगी स्टाफ के लिए आवास हों ताकि डॉक्टर्स अपने चिकित्सालय मुख्यालय पर रात्रि निवास करें। राज्य सभा में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने प्रश्न का जवाब दिया।

दिल्ली विश्वविद्यालय में कई अल्पसंख्यक कॉलेज:

दिल्ली यूनिवर्सिटी के तहत चलने वाले सेंट स्टीफन कॉलेज, दयाल सिंह कॉलेज, खालसा कॉलेज और माता सुंदरी कॉलेज भी अल्पसंख्यक संस्थान है।

हजारों की संख्या में देश में अल्पसंख्यक संस्था:

इसके अलावा डीम्ड यूनिवर्सिटी जामिया हमदर्द जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसे कई अल्पसंख्यक संस्थान हैं। देश में वैसे तो हजारों की तादाद में अल्पसंख्यक संस्थान हैं लेकिन सिर्फ नेशनल कमिशन फॉर माइनॉरिटी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के जरिए घोषित किए गए संस्थान ही 13,658 की बड़ी तादाद में हैं।

जिनमें 9 यूनिवर्सिटी भी शामिल हैं, इन यूनिवर्सिटीज में ही 6 केंद्रीय व राज्य यूनिवर्सिटीज हैं। जबकि तीन डीम्ड यूनिवर्सिटी भी अल्पसंख्यक संस्थान है। रामपुर की जोहर यूनिवर्सिटी के अलावा केरल के कई हजार अल्पसंख्यक संस्थान देश में अल्पसंख्यकों को 50 फीसदी आरक्षण देकर शैक्षिक बनाने में लगे हुए हैं।

दलित-पिछड़ों के लिए आरक्षण नहीं: 

जबकि इन संस्थानों के अलावा भी राज्यों से मान्यता प्राप्त बहुत से अल्पसंख्यक संस्थान हैं। खास बात यह है कि इन संस्थानों में SC/ST/OBC जातियों को आरक्षण नहीं मिलता। यह तमाम संस्थान अपने अपने समुदाय को 50 फीसदी आरक्षण देते हैं जबकि 50 प्रतिशत जनरल कोटा होता है जिसमें कोई भी दाखिला ले सकता है।

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