‘धार्मिक स्वतंत्रता एक मानवाधिकार है’: UN व US समेत कई वैश्विक प्रतिनिधियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की निंदा की
नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों, उनके घरों व समुदाय के लोगों पर हो रहे कट्टरपंथी हमलों की निंदा हर जगह शुरू हो गई है। अमेरिका से लेकर संयुक्त राष्ट्र ने हिंसा को गलत करार दिया है।
बांग्लादेश में नवरात्रि के दौरान शुरू हुए हमले निरन्तर जारी हैं। जिसमें कई दर्जन मंदिरों में तोड़फोड़, सैकड़ों हिंदुओं के घरों में हमले, 10 से ज्यादा हिंदुओं की हत्या शामिल है।
इन हमलों पर कई वैश्विक संस्थाओं/प्रतिनिधियों ने चिंता व दुख प्रकट किया है। इसी क्रम में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बयान जारी कर कहा कि हम दुर्गा पूजा समारोह के दौरान बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और व्यवसायों पर हाल ही में हुए हिंसक हमलों की निंदा करते हैं। हमारे विचार हिंदू समुदाय के साथ हैं क्योंकि हम अधिकारियों से पूरी तरह से जांच करने का आग्रह करते हैं। धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता एक मानव अधिकार है।
वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली संस्था अंतरराष्ट्रीय धार्मिक संस्था ने हिंसा को लेकर कहा कि हम बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर घातक हमलों की हालिया रिपोर्टों से स्तब्ध हैं। धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों सहित सभी को हिंसा या धमकी के बिना स्वतंत्र रूप से पूजा करने का अधिकार है।
जबकि बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर मिया सेप्पो ने कहा कि “बांग्लादेश में हिंदुओं पर हालिया हमले, सोशल मीडिया पर लगातार किए जा रहे अभद्र भाषा का प्रयोग संविधान के मूल्यों के खिलाफ हैं और इसे रोकने की जरूरत है। हम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं। हम सभी से समावेशी सहिष्णु बांग्लादेश को मजबूत करने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान करते हैं।”
इसी क्रम में संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश की स्थायी प्रतिनिधि राहाब फातिमा ने कहा कि हम हिंदू समुदाय पर जघन्य हमलों की निंदा करते हैं और पीड़ितों के साथ अपनी सहानुभूति और एकजुटता व्यक्त करते हैं। हम सुनिश्चित करेंगे कि अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। सभी धर्मों की स्वतंत्रता को बनाए रखना हमारी संवैधानिक प्रतिबद्धता है।