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रामायण में राम-शबरी के प्रेम देखकर 2 दलित भाइयों नें छोड़ी भीम आर्मी !

मुरैना (MP) : रामायण में राम-शबरी प्रसंग देखकर दो दलित भाइयों नें छोड़ भीम आर्मी छोड़ दी है।

देश कोरोना महामारी के कारण लॉक डाउन पड़ा है लेकिन सोशल मीडिया पर 90 के दशक के चर्चित TV सीरियल रामायण व महाभारत के पुनर्प्रस्तुति की माँग उठी। ये मांग पूरी हुई और सूचना मंत्रालय नें डीडी नेशनल व डीडी भारती पर क्रमशः इनके प्रसारण की हरी झंडी दे दी।

इसी बीच 28 मार्च से शुरू रामायण में खबर लिखने तक आज 5 मार्च को 17 एपिसोड्स आ चुके हैं। सुबह के एपिसोड में शबरी व श्री राम प्रसंग चला जिसमें शबरी खुद को “नीच जात” की भीलनी कहती है मगर क्षत्रिय कुल में जन्में भगवान श्री राम शबरी के कर्मों को उच्च मानकर भाई लक्ष्मण दोनों उनके दिए जूठे बेर फल खाते हैं।

वैसे ये प्रसंग आज के समाज में ऊंच नीच के भेदवाव के ख़ात्मे पर बहस में काफी प्रासंगिक हो चला है। और इस रामायण के प्रसंग का इतना सकारात्मक प्रभाव पड़ा कि दो भाइयों नें भीम आर्मी छोड़ दी।

इसकी जानकारी MP के मंदसौर जिले के विक्रम कुमार बागड़े नामक चर्चित दलित युवा नें दी। विक्रम पिछले दिनों सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया पर काफी चर्चा में रहे हैं। दरअसल उन्होंने जातिगत आरक्षण को समाज में बंटवारे का कारण बनाकर सुप्रीम कोर्ट में इसके ख़ात्मे के लिए याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया था।

विक्रम नें अपनी व्हाट्सएप चैट से ख़ुलासा किया है कि उसके दो साथियों ने रामायण में शबरी व राम के प्रसंग को देखकर भीम आर्मी छोड़ने का ऐलान कर दिया।

दो भाइयों नें संगठन छोड़ने के बाद ये विक्रम तीखे तेवर में कहा कि कुछ “दलित नेता रामायण का विरोध कर रहे है। आज मेरे दलित मित्र ने राम शबरी संवाद सुनकर मुझे मेसेज भेजा। उसने भाई सहित भीम आर्मी छोड़ दी और अब मेरे साथ समाजहित मे कार्य करेगा। यह जीत मेरी नही मेरे राम की है।”

【नोट : ये मीडिया हाउस दिल्ली विश्वविद्यालय के मीडिया छात्रों द्वारा चलाया जा रहा है】

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