बिहार पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल, शहीद बेटे का स्मारक बनाने पर पिता को एससी एसटी एक्ट के तहत भेजा जेल
वैशाली- बिहार में वैशाली जिले के जन्दाहा थाना क्षेत्र के चकफतह गाँव से एक शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां प्रस्तावित सरकारी जमीन पर गलवान घाटी संघर्ष में शहीद हुए अपने बेटे की प्रतिमा लगाने पर शहीद जवान जयकिशोर के पिता राजकपूर सिंह को पुलिस ने झूठे एससी एसटी एक्ट व रंगदारी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
आपको बता दे कि बीते दिनों साल 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प के दौरान भारत के कई वीर सपूत शहीद हो गए थे, उन्हीं वीर सपूतों में से एक बिहार के वैशाली जिले के जयकिशोर सिंह भी थे। जिन्होंने देश के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी, लेकिन चीनी सैनिकों को भारतीय सीमा में घुसने नहीं दिया था। जिसके बाद बिहार के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित केन्द्र और राज्य के कई बड़े नेता अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त करने शहीद परिवार के घर पहुंचे थे और शहीद जवान जयकिशोर सिंह की याद में विभिन्न घोषणाओं के तहत शहीद का स्मारक बनाने की घोषणा भी की गई थी।
वहीं शहीद जवान के परिजनों का आरोप है कि पहले से प्रस्तावित सरकारी जमीन पर शहीद का स्मारक बनने से रोकने के लिए अनुसूचित जाति के स्थानीय व्यक्ति हरिनाथ राम के द्वारा एससी एसटी एक्ट के तहत झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसके बाद शिकायतकर्ता की ही बिरादरी से आने वाले जन्दाहा थानाध्यक्ष विश्वनाथ राम ने शहीद के परिजनों को कोई जानकारी दिए बिना ही जांच रिपोर्ट सौंप सौंप दी थी और बीते दिनों 23 जनवरी को शहीद के पिता को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।
इतना ही नहीं शहीद जवान के बड़े भाई नंदकिशोर का कहना है कि मेरे पिता को जिस प्रकार अपमानित करके गिरफ्तार किया गया है, उससे वह काफी दुखी और आहत हैं। उन्होंने कहा कि अगर उचित न्याय नहीं मिला तो वह आमरण अनशन पर भी बैठने से हिचकिचाएगे नहीं। वहीं इस पूरे मामले को तूल पकड़ता देख बिहार पुलिस महानिदेशक ने एक टीम का गठन कर शहीद के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के निर्देश दिए है, उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में कोई भी पुलिसकर्मी या अधिकारी दोषी पाया जाता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जबकि थानाध्यक्ष विश्वनाथ राम का कहना है कि राजकपूर सिंह के खिलाफ उनके ही गाँव के अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति हरिनाथ राम के द्वारा मामला दर्ज कराया गया था कि शहीद के पिता राजकपूर के द्वारा शहीद की प्रतिमा लगाकर जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है, साथ ही उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा हैं। जिसमें जांच के बाद पदाधिकारियों द्वारा गिरफ्तारी के आदेश दिए जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार करके कोर्ट के सामने पेश किया गया था।
पुलिस पर नियमों की अनदेखी करने का आरोप
कानूनी सलाहकारों का कहना है कि इस पूरे मामले में पुलिस द्वारा कानून की कई धाराओं का उल्लंघन किया गया है, धारा 384 (रंगदारी) नहीं लगानी चाहिए थी। वहीं आपराधिक मामलों के जानकार जयप्रकाश सिंह मोहन का कहना है कि अगर पुलिस के जैसा सोचें तो यह मामला आदेश की अवहेलना का हो सकता था, जिसके तहत धारा 188 लग सकती थी। इतना ही नहीं अगर इस धारा का भी उलंघन होता है तो घटना स्थल पर पुलिस बल भी तैनात कर सकते थे। लेकिन बिना नोटिस दिए गिरफ्तारी आईपीसी की धारा 41 के तहत गलत हैं।