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MP की 19 वर्षीय एक्टिविस्ट बबीता राजपूत जिसने नहर बनाकर सूखी झील में ला दिया पानी, करती हैं व्यापक वृक्षारोपण

छतरपुर: प्रधानमंत्री मोदी ने “मन की बात” कार्यक्रम में की जल संरक्षण पर चर्चा कर मध्यप्रदेश की जल सहेली बबीता राजपूत के जल स्रोतों के पुनर्जीवन कार्य के सामूहिक प्रयास की सराहना की है।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में बुंदेलखण्ड के छतरपुर जिले के ग्राम अंगरोठा की जल सहेली बबीता राजपूत की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जल संवर्धन की दिशा में जल सहेली के रूप में बबीता राजपूत ने जो अदम्य साहस एवं कार्य का परिचय दिया है उससे देश के सभी लोगों को प्रेरणा मिलेगी। बबीता राजपूत का गांव बुंदेलखण्ड में है। उनके गांव के पास बहुत बड़ी झील थी जो पानी की कमी की वजह से सूख गई थी।

उन्होंने गांव की दूसरी महिलाओं का साथ लिया और झील तक पानी ले जाने के लिए नहर बना दिया। इस झील से वारिस का पानी गांव तक पहुंचा, जिससे गांव वालों की न सिर्फ पेयजल की पूर्ति हुई अपितु खेती करने के लिए सिंचाई के रूप में पानी मिला तो वहीं पशुओं के लिए भी पेयजल सुलभ हुआ।

उल्लेखनीय है कि गांव की बछेड़ी नदी जिसका उदगम भेल्दा से हुआ। जल का प्रवाह खत्म होने से ग्राम में जल संकट विद्यमान हुआ। पानी लाने के लिए कई किलो मीटर तक जाना पड़ा था। इस समस्या के निदान के लिए 2019 में जनजन जोड़ो अभियान से गांव के लोगों को जोड़कर जल संवर्धन के लिए आंदोलन एवं जनजाग्रति अभियान छेड़ा गया, पहाड़ को काटकर नहर बनाई गई और बछेड़ी नदी के प्रभाव को पुनर्जीवित किया गया। आज मानवीय जीवटता, साहस के हौसलों का ही परिणाम है कि अंगरोठा गांव में अमृतरूपी जल उपलब्ध है।

हुईं गदगद, पीएम का जताया आभार:

घुवारा तहसील के ग्राम पंचायत भेल्दा के ग्राम अंगरोठा की बीए द्वितीय वर्ष की 19 वर्षीय छात्रा बबीता राजपूत की खुशी दोगुनी हो गई जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा “मन की बात” कार्यक्रम में जल सखी के रूप में उनका नाम लिया गया।

प्रधानमंत्री के मुखारबिंद से खुद का नाम सुनकर बबीता न सिर्फ गदगद हुई अपितु उसकी खुशी दोगुनी हुई। बबीता राजपूत द्वारा ग्रामीण महिलाओं का जल सहेली समूह तैयार कर ग्राम की पहाड़ी को काटकर तालाब तक बनाई गई नहर और तालाब में जल संग्रहण के लिए किए गए कार्यों से वर्षा का जल संग्रहित होने से पर्याप्त पानी उपलब्ध हुआ।

बबीता का कहना है कि प्रधानमंत्री की मन की बात सुनने से जल संवर्धन के लिए भविष्य में और बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिली। बबीता ने सभी अपने साथ जुड़े सभी लोगों के सहयोग के लिए आभार जताया।

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