Opinion

5 साल बाद अब आ रही है यूपी दरोगा भर्ती तो ओवर ऐज हुए सवर्ण अभियर्थियों की नहीं सुन रही योगी सरकार

"कोर्ट जाना हमारे लिए बहुत दुख की बात होगी क्यूंकि यूपी में बीजेपी को जिताने के लिए हम सवर्णों ने दिन रात मेहनत की और अब हमें अपनी चुनी हुई सरकार के खिलाफ कोर्ट जाना पड़े तो ये हमारे लिए बहुत शर्म की बात होगी।"

यूपी में लाखों सवर्ण जाति के छात्र जो पुलिस दरोगा भर्ती की तैयारी कर रहे हैं वह पिछले कुछ दिनों से परेशान हैं। वह कभी सीएम योगी जी को चिट्ठी लिखते हैं तो कभी पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजीपी विश्वकर्मा जी को।

हमने जब आगरा के एक अभ्यार्थी दुर्गेश जी से बात की तो उन्होंने बताया की पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजीपी विश्वकर्मा जी ने अपने एक साक्षात्कार में बताया कि यूपी में 9500 दारोगा की भर्ती प्रस्तावित है। अब मेरे जैसे सवर्ण जाति के अभ्यार्थी इस बात को लेकर परेशान हैं कि दारोगा भर्ती में सामान्य वर्ग की अधिकतम आयु सीमा कितनी रहेगी?

अभी दारोगा भर्ती में सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियों की अधिकतम उम्र सीमा 28 वर्ष है लेकिन वर्ष 2016 के बाद से दारोगा की भर्ती अब वर्ष 2020 में आने वाली है इससे पूर्व 4 साल भर्ती ना निकलने से सामान्य वर्ग के जो अभ्यार्थी थे वह ओवर एज हो गए हैं तो क्या सरकार उनके लिए कुछ करेगी?

ओबीसी,एससी,एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण से आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट मिलती है लेकिन सवर्ण जाति के अभ्यर्थी क्या करेंगे? इनको मिले ईडब्ल्यूएस आरक्षण के तहत कोई आयु सीमा में छूट भी नहीं मिलती।

दुर्गेश जी ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 2017 में माननीय सुप्रीम कोर्ट में एक शपथ पत्र दिया था जिस में उल्लेख किया गया था की वर्ष 2018 से हर साल 3200 दारोगा की भर्ती निकलेगी लेकिन ना तो 2018 मे और ना 2019 में दारोगा भर्ती निकाली गई जिसके कारण जो अभ्यर्थी दारोगा भर्ती में वर्ष 2018 में फॉर्म डालने के योग्य थे वह अब 2020 में ओवर एज हो जाने के कारण अब इस भर्ती से बाहर हो जाएंगे। जब उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने शपथ पत्र का पालन नहीं किया तो इसमें सवर्ण जाति के अभ्यर्थियों की क्या गलती?

ऐसे ही गोरखपुर से एक अभ्यर्थी आलोक पाण्डेय जी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में खासकर पूर्वांचल क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र का ना होने के कारण हम युवा वर्ग सरकारी नौकरी से आस लगाकर रखते हैं वह भर्तियों को पूर्ण होने में दो दो साल तक लग जाते हैं।

दारोगा भर्ती तथा उत्तर प्रदेश पुलिस मिनिस्टर स्टाफ यह दोनों भर्ती 4 वर्ष बाद 2020 में प्रस्तावित है,अब ऐसे में सवर्ण जाति के अभ्यर्थी ओवर एज हो गए तो उनकी क्या गलती?

वर्तमान सरकार से हम युवाओं को बहुत ही उम्मीद है तथा हम चाहेंगे कि माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी हम बेरोजगारों की समस्या को समझते हुए हमारी परेशानियों का निवारण अवश्य करेंगे तथा उत्तर प्रदेश दरोगा भर्ती व उत्तर प्रदेश पुलिस मिनिस्ट्रियल स्टाफ भर्ती में अभ्यार्थियों को आयु में छूट अवश्य प्रदान करेंगे।

फ़िरोज़ाबाद से एक छात्र शोभाकान्त तिवारी ने बताया कि उसने 2012 में ग्रेजुएशन किया था और तब से पुलिस दारोगा भर्ती की तैयारी करने लगा तो 2016 में दारोगा भर्ती आती है वो लिखित परीक्षा में पास हो जाता है लेकिन उसका अंतिम चयन नहीं हो पाता। वो फिर से दारोगा भर्ती की तयारी करने लगता है लेकिन 2016 के बाद से भर्ती 2017,2018,2019 में ना आकर अब सितंबर 2020 में आ रही है। अब वो 29 वर्ष 6 महीने का हो चुका है उसने बताया कि 2012 से लेकर 2020 तक पिछले 8 साल में केवल 2016 में दारोगा भर्ती आई तो इसमें उसकी क्या गलती कि वो ओवर एज हो गया।

देवरिया से एक अन्य छात्र गोपाल मिश्रा ने बताया कि जब यूपी सरकार द्वारा दिए गए शपथ पत्र में ये लिखा है कि 2018 से हर साल 3200-3200 भर्ती निकालेगे तो 2018,2019 में भर्ती यूपी सरकार ने क्यों नहीं निकाली ? और अब जब पिछले 3 साल की 3200 – 3200 भर्तियों का लगभग योग 9500 भर्ती यूपी सरकार एक साथ अब निकाल रहीं है तो दारोगा भर्ती की अधिकतम आयु सीमा 28 की गणना 2020 से ना होकर शपथ पत्र के अनुसार 2018 से हो।

रायबरेली से एक छात्र अंकित सिंह ने बताया कि अगर सरकार ने अपने शपथ पत्र के अनुसार दारोगा भर्ती में अधिकतम आयु सीमा में छूट नहीं दी तो हम सवर्ण जाति के छात्र कोर्ट जायेगे। कोर्ट जाना हमारे लिए बहुत दुख की बात होगी क्यूंकि यूपी में बीजेपी को जिताने के लिए हम सवर्णों ने दिन रात मेहनत की और अब हमें अपनी चुनी हुई सरकार के खिलाफ कोर्ट जाना पड़े तो ये हमारे लिए बहुत शर्म की बात होगी।

लेकिन जब सरकार हमें आयु सीमा में छूट नहीं देगी तो फिर कोई और रास्ता नहीं बचेगा और कल जब हम कोर्ट से जीत जाए तो क्या जीतने के बाद हम योगी जी को समर्थन कर पाएंगे जितना कि अभी करते है?अगर कोर्ट जा कर ही न्याय मिले तो फिर सरकार क्यों हम चुनते है?कोर्ट जाना हम जैसे बेरोजगारों के लिए कितना कष्टदायक होगा वो बताना मुश्किल है।

ऐसे ही लाखो अभियर्थियों की बस एक ही मांग है कि यूपी में सितंबर में आने वाली 9500 दरोग़ा भर्ती में सामान्य वर्ग के छात्रों को सुप्रीम कोर्ट में रिट संख्या-183/2013 मनीष कुमार vs यूनियन ऑफ इंडिया के परिप्रेक्ष्य में यूपी सरकार द्वारा दिए गए शपथ पत्र के अनुसार अधिकतम उम्र सीमा में छूट मिले। या फिर शपथ पत्र के अनुसार सामान्य वर्ग के जो छात्र वर्ष 2018 में दारोगा बनने की अधिकतम उम्र सीमा 28 वर्ष के थे उन्हें 2020 में आने वाली दारोगा भर्ती में परीक्षा देने का अवसर मिले।

जिससे गरीब सवर्ण जाति के छात्र भी अपने दरोग़ा बनने के सपनों को पूरा कर सके


यह आर्टिकल सरकार की लापरवाही से ओवर ऐज हो चुके फिरोजाबाद के शोभाकांत तिवारी ने लिखा है। वह वर्ष 2016 से तैयारी कर रहे है लेकिन पुरे चार साल के अंतराल के बाद पुलिस भर्ती आई है जिससे इन जैसे लाखो युवाओ का भविष्य अधर में लटक गया है।


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