‘यीशु धर्म जाति नहीं जीवन बदलने आए’- कोरोना जागरूकता अभियान की आड़ में ईसाई धर्म का प्रचार करती पकड़ाई गई नर्स
रतलाम: मध्यप्रदेश के रतलाम में कोरोना रोकथाम के लिए घर घर जा रही एक नर्स को ईसाई धर्म का प्रचार करते हुए हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने पकड़ा है।
मामला रतलाम के बाजना का है जहां इंदौर निवासी, नर्स व बीएएमएस डिग्री धारी डॉक्टर संध्या तिवारी रेपिड रिस्पॉस टीम की सदस्य होकर बाजना में पदस्थ है।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कोरोना को खत्म करने के लिए चलाए जा रहे व्यापक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान “किल कोरोना” के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर सर्वे कर रही है।
इसी क्रम में सर्वे करने वाली टीम में शामिल नर्स संध्या भी घर-घर जा रही थीं और लोगों को दवाओं और आहार के बारे में समझाने के साथ ईसाई धर्म व प्रभु यीशू का प्रचार प्रसार कर रही थीं। हालांकि जागरूकता अभियान की आड़ में विशेष धर्म के प्रचार पर ग्रमीणों ने आपत्ति जताई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया।
उधर इस प्रचार की जानकारी हिंदू संगठनों को भी पहुंच गई तो वो सर्वे करने वाले इलाके में पहुंच गए और पूछा कि डाइट प्लान बताने की बजाय धर्म विशेष का प्रचार क्यों कर रही हैं। ये किसने कहा है ? जवाब में नर्स ने कहा कि इससे क्या परेशानी है इसे मुद्दा मत बनाइए। ये आवश्यक नहीं है जिसका मन पड़े वो कर सकता है।
बाद में आपत्ति जताने वाले लोगों ने नर्स के द्वारा बांटे जा रहे परचे पर सवाल खड़े किए। और कहा कि ये सर्वे बन्द करो।ग्रामीणों ने भी कहा कि उन्हें इस सलाह की जरूरत नहीं है।
बाद में इस मामले में कुछ ग्रामीणों ने नर्स की शिकायत प्रशासन से की जिसके बाद मामला थाने तक भी पहुंच गया। वहीं बाजना के तहसीलदार बी एस ठाकुर के मुताबिक टीकाकरण के समय नर्स संध्या तिवारी ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार कर रही है, इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी।
इस शिकायत पर पूछताछ व प्राम्भिक जांच में सामने आया कि RTPCR जांच के दौरान एक पर्चा बांटना पाया गया, जो ईसाई धर्म से सम्बंधित था। जिसमें बताया गया था कि किस तरह डाइट करना है, प्रार्थना करना है, इस पर जांच प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों को दिया गया है।