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निरोग्‍य नारी: मासिक धर्म में कपड़ा प्रयोग करने वाली महिलाओं को बांटते हैं सैनीटरी नैपकिन

अमरकंटक: जिस तरह आज पूरा विश्व एक महानगरी कोविड -19 का सामना कर रहा है ठीक उसी प्रकार एक महावारी का सामना महिलाएं अपने आम जीवन में भी करती है जिसे हम मासिक धर्म या आम भाषा में पिरियड भी कहते हैं। यह तो हम सभी जानते हैं कि उन दौरान साफ सफाई रखना कितना जरूरी होता है और ना रखने से महिलाओं को कई तरह की बीमारियाँ भी हो सकती है।

बड़ी दुख की बात है कि आज भी हमारे देश में ऐसी कई महिलाए है जो मासिक धर्म के दौरान कपड़ा इस्तेमाल करती है क्योंकि वह बाजार में उपलब्ध सेनेटरी नैपकिन नहीं खरीद पाती है। कई महिलाओं को आज इस बात की जानकारी नहीं है कि सेनेटरी नैपकिन या पेड होता क्या है तो उसका इस्तेमाल करना तो दूर की बात है।

इस गम्भीर विषय को लेकर मध्य प्रदेश के पवित्र स्थल अमरकंटक के जनजातीय प्रमुख क्षेत्रों में ‘प्रणाम नर्मदा युवा संघ’ ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए एक अभियान शुरू किया है जिसका नाम है “निरोग नारी” जिसके तहत वह आदिवासी महिलाओं के बीच जाकर उन्हें मासिक धर्म के बारे में बताते और जागरूक बनाते हैं साथ ही उन्हें सेनेटरी नैपकिन भी नि:शुल्क प्रदान करते हैं।

200 से अधिक महिलाओं की कर रहे निरंतर सहायता

‘निरोग नारी’ अभियान के तहत ‘प्रणाम नर्मदा युवा संघ’ के कार्यकर्ता गाँव – गाँव जाकर महिलाओं एवं किशोर बालिकाओं को मासिक धर्म से जुड़ी जानकारी देते हुए उन्हें जागरूक बनाने का प्रयास करते हैं। अपने अभियान के तहत वह महिलाओं को कपड़े का प्रयोग न करना, साफ सफाई का ध्यान रखना और उनसे जुड़ी बीमारियों के बारे में भी बताते हैं।
बता दें कि इस अभियान के तहत अब तक उन्होंने 200 से अधिक महिलाओं को जागरूक करने के साथ साथ उन्हें नियमित सेनेटरी नैपकिन भी प्रदान कर रहे है।

उमरगुहान गांव को लिया गोद

अमरकंटक के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्विद्यालय से आठ कि.मी दूर बसे इस गांव को ‘प्रणाम नर्मदा युवा संघ’ ने अपने अभियान ‘निरोग नारी’ के तहत गोद लिया है। इस अभियान के माध्यम से इनका प्रयास है कि गांव की सभी महिलाएं एवं बालिकाएं कपड़ा छोड़कर सेनेटरी नैपकिन का ही प्रयोग करे।

अभियान के तहत अपनी ब्रांड एंबेसडर को भी चुना

उमरगुहान की महिलाओं से बातचीत के दौरान जागरुक युवती राजेश नंदिनी मरावी ने बताया कि उनके गांव में मासिक धर्म के दौरान कपड़ा इस्तेमाल करने से गांव की महिलाओं को कई तरह की समस्याएं होती है। आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग सेनेटरी नैपकिन के बारे में जानते भी है तो वह उन्हें खरीद नहीं पाते हैं क्योंकि गांव में गरीबी बहुत है व चारों ओर से जंगलों से घिरा होने के साथ मेडिकल व किराना दुकाने बहुत दूर हैं ।
गांव की महिलाएं उनकी बात आसानी से समझ सके इसके लिए निरोग नारी की टीम ने उन्हीं के बीच में से राजेशनंदिनी को अपना ब्रांड एंबेसडर चुना है ताकी टीम आसान भाषा में सभी महिलाओं को मासिक धर्म से जुड़ी जानकारी को समझा कर सके।

निरोग नारी का उद्देश्य

निरोग नारी अभियान के तहत प्रणाम नर्मदा युवा संघ का यह उद्देश्य है कि वह सभी महिलाएं मासिक धर्म से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त करें और जो महिलाएं कपड़ा इस्तेमाल करती है वह कपड़ा छोड़ सेनेटरी नैपकिन का प्रयोग करके स्वस्थ रहे।

हमारा ऊद्देश्य सभी को संवेदनशील बनाना
निरोग नारी टीम की संयोजक मुस्कान सिंह ने बताया की पेड का प्रयोग केवल शहरी लोगों तक ही सीमित है हम इसको गांव गांव तक लेकर जायेंगे, जो नही खरीद पा रहे हैं उन्हे अभी नी:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है जिसे बाद में शासन से मदद प्राप्त का कम से कम मूल्यों पर उपलब्ध कराने की कार्य योजना है । टीम माहवारी से जुड़ी जागरुकता कार्यक्रम के साथ भ्रांतियों को भी दूर करने का कार्य कर रही है।

कोरोना संबंधी जागरुकता भी टीम द्वारा गांव के लोगों को बताई जा रही है, स्वच्छता के साथ सजग रहने हेतू अपील किया जा रहा है।

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