नेमावर हत्याकांड: पीड़ित आदिवासी परिवार को MP सरकार ने दी ₹41 लाख की मदद, उधर आरोपियों के ढहाए घर
देवास: मध्यप्रदेश के देवास जिले के नेमावर हत्याकांड के मुख्य आरोपियों की संपत्ति पर जिला प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाकर उसे जमींदोज कर दिया। देवास जिला प्रशासन ने कल यह कार्रवाई की।
इस कार्रवाई में हत्याकांड के आरोपियों सुरेन्द्र सिंह चौहान और विवेक तिवारी के ठिकानों एवं प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें गिरा दिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना को वीभत्स बताते हुए अपराधियों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
कलेक्टर चंद्रमौलि शुक्ला ने कहा कि शासन द्वारा पीड़ित परिवारों को 41 लाख 25 हजार की सहायता राशि स्वीकृत की गई है। पीड़ित परिवारों के लिए स्वीकृत राशि उनके खातों में सीधे अंतरित की जाएगी। अपराधियों के विरूद्ध फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई की जाएगी।
घटना के मुख्य आरोपी सुरेन्द्र सिंह चौहान पिता लक्ष्मण सिंह चौहान वार्ड नंबर 10 रेत नाका नेमावर की 4 हजार 500 स्क्वायर फीट क्षेत्र में फैली 3 दुकान और दुकान के पीछे बने मकान को तोड़ा गया है। इसी के साथ अन्य आरोपी विवेक तिवारी पिता कमल किशोर लक्ष्मीनारायण तिवारी के वार्ड नंबर 14 में 2 हजार स्क्वेयर फीट में बने मकान को भी तोड़ दिया गया है।
कलेक्टर शुक्ला ने बताया कि प्रकरण में अपराधियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। अपराधियों की और भी दूसरी अवैध संपत्ति और अवैध निर्माण को चिन्हित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि 13 मई को देवास जिले के नेमावर में सुरेंद्र राजपूत नामक व्यक्ति ने अपने भाई वीरेंद्र राजपूत, 2 नौकरों और 2 दोस्तों की मदद से आदिवासी परिवार के 5 सदस्यों की हत्या करके अपने खेत में दफना दिया था। डेढ़ महीने बाद पांचों के शव पुलिस ने 10-12 फीट की खुदाई करके बाहर निकाला था। हत्याकांड की मुख्य वजह आदिवासी परिवार की बेटी रूपाली को सुरेंद्र के शादी में रोड़ा बनना था। दोनों में अफेयर था और रूपाली शादी के लिए दबाव डाल रही थी, जबकि सुरेंद्र की शादी दूसरी जगह तय हो गई थी।