मुंगेर गोलीकांड: पथराव व आगजनी के वांछित आरोपितों की गिरफ़्तारी के लिए SP ने गठित की विशेष टीम
मुंगेर: बिहार के मुंगेर (Munger) में 26 अक्टूबर 2020 की रात दुर्गा विसर्जन के दौरान हुए गोलीकांड, पुलिस पर पथराव एवं विभिन्न थानों में हुई आगजनी को लेकर दर्ज़ छह कांडों के वांछित अभियुक्तों पर अब मुंगेर पुलिस कार्रवाई करेगी।
अभियुक्तों की गिरफ़्तारी को लेकर पुलिस अधीक्षक जागुनाथरेडडी जलारेड्डी ने एक विशेष टीम का गठन किया है। जिसका नेतृत्व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर नंदजी प्रसाद करेंगें।
गठित टीम में तीन दरोगा एवं एक जमादार को शामिल किया गया है। एसपी ने टीम को आरोपितों की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद शहर में हलचल शुरू हो गयी है। जिसमे कई पुलिस पदाधिकारी से लेकर बड़ी दुर्गा पूजा समिति के सदस्य नामजद अभियुक्त है।
गठित टीम को जिन छह कांडों का अवलोकन करते हुए, गिरफ़्तारी सुनिश्चित की जायेगी उसमे कोतवाली थाना कांड संख्या 297/20, 299/20, 300/20, 301/20, 302/20 एवं, 303/20 शामिल हैं।
अनुराग पोद्दार को 10 लाख मुआवजा देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी बिहार सरकार-
पटना हाई कोर्ट ने 7 अप्रैल को राज्य सरकार को मृतक श्रद्धालु अनुराग पोद्दार के पिता अमरनाथ पोद्दार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। अमरनाथ पोद्दार ने अदालत से सीबीआई जांच और 5 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की थी। अमरनाथ पोद्दार ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई थी। जिसपर बिहार सरकार ने उच्चतम न्यायलय का दरवाजा खटखटाया था। उच्चतम न्यायालय ने 4 जून शुक्रवार को पटना उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।
दुर्गा विसर्जन गोलीकांड के बाद हुई थी तोड़फोड़ और आगजनी-
26 अक्टूबर 2020 की रात दुर्गा विसर्जन के लिए शहर में शोभायात्रा निकाली गयी थी। जिसपर बाटा चौक के पास फायरिंग और पथराव हो गया था। फायरिंग में 18 वर्षीय श्रद्धालु अनुराग पोद्दार की ऑन द स्पॉट डेथ हो गयी थी। जबकि पांच लोग घायल हो गए थे।
पुलिस ने प्रतिमा के साथ रहे श्रद्धालुओं को जमकर पीटा था। जिसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। जिसके बाद 29 अक्टूबर 2020 को पुलिस के खिलाफ निकले आक्रोश मार्च में भीड़ अनियंत्रित हो गयी थी। इस दौरान भीड़ ने एसपी ऑफिस एवं एसडीओ के आवासीय कार्यालय में तोड़-फोड़ किया और कोतवाली थाने में भी तोड़फोड़ की घटना हुई थी। जिसके बाद अन्य कई थानों पर इस तरह की घटनाएं सामने आयी थी। जिसके बाद एक दर्ज़न से अधिक प्राथमिकी कोतवाली थाना सहित अन्य थानों में दर्ज़ की गयी थी। जिसमें लगभग 100 से अधिक नामजद व 1000 से अधिक अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया था।
जिसमे अधिकांश प्राथमिकी पुलिस पदाधिकारियों द्वारा दर्ज़ करायी गयी है। जबकि एक मात्र मामला अनुराग पोद्दार के पिता अमरनाथ पोद्दार के द्वारा दर्ज़ करवाया गया है। जिसकी जांच हाईकोर्ट की निगरानी में सीआईडी द्वारा की जा रही है।