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SC-ST एक्ट: कोर्ट का फैसला, ‘शिकायतकर्ता का बयान काफ़ी नहीं, ठोस साक्ष्य जरूरी’

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की एकलपीठ का एट्रोसिटी एक्ट में अहम फ़ैसला, कहा सभी अदालतें इस पर संज्ञान लें ताकि अदालती प्रक्रिया का दुरूपयोग न हो

भोपाल (एमपी) : SC-ST एक्ट में कोर्ट नें बड़ी राहत दी है और यह फैसला इस एक्ट के लगातार होते दुरूपयोग के कारण आया है |

बयान पर्याप्त नहीं, मजबूत साक्ष्य भी जरूरी : MP हाईकोर्ट 

एट्रोसिटी एक्ट के बढ़ते दुरूपयोग के बीच मध्यप्रदेश की हाईकोर्ट नें एक अहम फैसला सुनाया है |

दरअसल बात 5 अप्रैल 2016 के एक केस से शुरू हुई थी जब सुशांत पुरोहित नाम के एक किसान के ऊपर फसल कटाई व मजदूरी भुगतान में हुई देरी के चलते महिला नें उन पर फर्जी तरीके से इस एक्ट में फँसा दिया था | हालाँकि अब सुशांत की ही याचिका पर जस्टिस जेपी गुप्ता की एकल पीठ नें अपने इस बहुत बड़े फैसले में कहा है कि ” एट्रोसिटी एक्ट में यदि मजबूत गवाह या साक्ष्य न हो तो सिर्फ शिकायत करने वाले के बयान के आधार पर अभियोजन नहीं चलाया जा सकता | ”

और यह फैसला ऐसे मुकदमों के लिए है जिनमें गवाह विश्वसनीय न हो और गवाह शिकायतकर्ता के बयान को फर्जी दर्शाते हों |

MP की हाईकोर्ट नें साफ़ कर दिया है कि यह सभी अदालतों की जिम्मेदारी है कि वो इस हर स्तर पर इसका संज्ञान लें ताकि अदालती प्रक्रिया का दुरूपयोग न हो |

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2 Comments

    1. कानून का दुरप्रयोग हो रहा है।

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