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वैदिक गणित व योग प्रशिक्षण समेत कई कई विषयों पर प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शुरू करेगी MP सरकार

भोपाल: मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देशानुसार ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ अभियान के तहत आगामी सत्र से 107 शासकीय महाविद्यालयों में 177 डिप्लोमा और 282 सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों को प्रारंभ किया जा रहा है।

इन पाठ्यक्रमों के माध्यमों से मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा को और अधिक रोजगारोन्मुखी बनाया जाएगा। मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के कौशल विकास में मदद करेंगे। स्थानीय उद्योगों की आवश्यकता और विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से यह पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं।

विद्यार्थियों को उद्योगों में इंटर्नशिप एवं अप्रेंटिसशिप की व्यवस्था भी की जाएगी। विद्यार्थी महाविद्यालयों में अपनी डिग्री करते हुए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम कर सकते हैं। इनकी अवधि छह माह होगी। डिप्लोमा कोर्स एक साल की अवधि के होंगे और इन्हें अलग से करना होगा।

पहली बार इन विषयों में प्रारंभ होंगे सर्टिफिकेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रम:

इस सूची में 15 सर्टिफिकेट और 15 डिप्लोमा पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो मध्य प्रदेश में पहली बार प्रारंभ किए जा रहे हैं। हर्बल एंड ऑर्गेनिक फार्मिंग प्रोडक्ट्स, कल्टीवेशन प्रोसेसिंग एंड मार्केटिंग ऑफ मेडिसिनल प्लांट, जीएसटी एंड इनकम टैक्स, लैबोरेट्री मैनेजमेंट, वर्मी कंपोस्टिंग एंड हॉर्टिकल्चर, योग ट्रेनिंग, न्यूट्रिशन एंड चाइल्ड केयर, सिक्योरिटी सर्विस, जियो इनफॉर्मेटिक्स, टैक्सटाइल टेक्नोलॉजी, एनवायरमेंट एसेसमेंट, एनजीओ मैनेजमेंट, वैदिक मैथमेटिक्स, इंडस्ट्रियल सेफ्टी रूल्स, एंब्रॉयडरी एंड टेलरिंग विषयों में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम प्रारंभ होंगे।

इसके अतिरिक्त डिजास्टर मैनेजमेंट, साइक्रोमेट्रिक टेस्टिंग इन काउंसलिंग एंड क्लिनिकल साइकोलॉजी, ह्यूमन राइट्स एंड कॉन्स्टिट्यूशन, आर्कियोलॉजिकल साइंस, डिजाइनर फ्लावर पॉट मेकिंग एंड वुड कार्विंग, गाइडेंस एंड काउंसलिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, कम्युनिकेशन एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी स्किल्स, नर्सरी एंड फ्लोरीकल्चर, क्रिएटिव स्किल्स, सोइल टेस्टिंग, इंडस्ट्रियल वर्क एंड मैनेजमेंट सिस्टम, हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट, मीडिया एस्थेटिक्स, कम्प्यूटर हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग विषयों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जायेंगे। उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने की भी तैयारी चल रही है।

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