केरल: SC-ST छात्रों को स्टडी रूम बनाने के लिए 2 लाख व कंप्यूटर की सहायता, PM आवास योजना से अधिक है राशि
तिरुवनंतपुरम: केरल से आने वाले अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को सरकार अपने घर के बगल में स्टडी रूम बनाने के लिए 2 लाख रूपए की मदद प्रदान करेगी। इसी के साथ स्टडी रूम के पूर्ण रूप से बन जाने के बाद केरल सरकार उन्हें एक कंप्यूटर भी मुफ्त में मुहैया कराएगी।
एससी एसटी वर्ग के छात्रों को मजबूत करने के लिए CM पिनाराई विजयन ने इस योजना की घोषणा करी है। मुख्यमंत्री के अनुसार ऐसे कई छात्र है जिनके घर में पढाई का माहौल नहीं बन पाता है।
ऐसे में उन छात्रों की मदद करने के लिए और उनका शिक्षा स्तर सुधारने के लिए सरकार ने इस योजना का आंरभ किया था। मॉडल प्रोजेक्ट के पहले फेज के तहत सरकार दलितों व आदिवासियों को घर के बगल में स्टडी रूम बनाने हेतु दो लाख तक की मदद व एक लैपटॉप देगी। जिससे लाखो छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
वहीं कम्युनिटी स्टडी रूम के लिए भी सरकार प्रयासरथ है। साथ ही सरकार ने पुरे राज्य में एक ही दिन में 12,250 स्टडी रूम बनाने को हरी झंडी दी है।
इसी के साथ इस वर्ष के अंत तक 3,750 अतिरिक्त स्टडी रूम के साथ फेज 1 में कुल 16000 से अधिक स्टडी रूम छात्रों को समर्पित हो जायेंगे। आगे सरकार के प्रतिनिधियों ने बताया कि वर्ष 2021 में अन्य 8,500 स्टडी रूम छात्रों को सौप दिए जायेंगे। वहीं इसी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 250 सामुदायिक स्टडी रूम एससी एसटी के छात्रों के लिए बनाये जा रहे जिसमे हज़ारो छात्र बेहतर सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इसी तरह पुरे राज्य में 500 सामुदायिक स्टडी रूम भी तैयार कर दिए जायेंगे।
इन स्टडी रूम की खास बात यह है कि यहाँ ब्रेकफास्ट व लंच मुफ्त में उपलब्ध कराया जायेगा जिससे छात्रों को किसी भी परेशानी से न जूझना पड़े।
विदेशो में उच्च शिक्षा प्राप्त करने गए एससी एसटी छात्रों को दिए जायेंगे 25 लाख रूपए
सरकार विदेशो में जाने वाले पीजी छात्रों को 25 लाख रूपए की मदद भी प्रदान करेगी जिससे छात्रों का बाहर पढ़ने का सपना पूरा हो सकेगा।
ओबीसी व सामान्य वर्ग के छात्रों को नहीं मिलेगा कोई लाभ
मॉडल प्रोजेक्ट में सरकार ने अभी तक ओबीसी व सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए कोई भी परियोजना निकालने का मन नहीं बनाया है। जोकि अपने आप में विभाजनकारी नीति को बढ़ावा देने जैसा है। आपको बता दें राज्य में ऐसे लाखो गैर दलित गैर आदिवासी छात्र है जो सरकार से ऐसी ही परियोजनाओं के लिए सरकारों का मुँह ताकते रह जाते है।
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