JNU में सिर्फ 90 वोट से हारने वाली युथ फॉर इक्वलिटी फिर लड़ेगी जातिगत नीतियों के खिलाफ
नई दिल्ली : युथ फॉर इक्वलिटी ने एक बार फिर से जातिगत आरक्षण को लेकर खुद को झोकने का मूड बना लिया है। युथ फॉर इक्वलिटी वह नाम है जो जातिगत आरक्षण की गलियों में नारों के माध्यम से खूब सुना व दोहराया गया है, ओबीसी आरक्षण लागु करते समय अगर देश भर में सरकार से किसी ने दो दो हाथ करने का दम भरा था तो वह YFE ही थी।
YFE देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी कही जाने वाली जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में भी अपना रुतबा दिखा चुकी है, YFE ने JNU के छात्र संघ के वर्ष 2007 से लेकर 2011 तक के सभी चुनाव लड़े थे जिसमे उसने लेफ्ट विंग की AISA को कड़ी टक्कर दे डाली थी।
आपको हम बताते चले कि लेफ्ट के गढ़ में भी YFE सिर्फ 60 से 100 वोटो से ही सभी सीटें जीतने से चूक गई थी। युथ फॉर इक्वलिटी ने इसके अलावा ओबीसी आरक्षण को उच्च संस्थानों में लागू करने के सरकार के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे चस्पा करवाया था इसके अलावा शिक्षा के अधिकार, दिल्ली में 17 हज़ार पेड़ो को कटने से बचाने में भी YFE द्वारा दाखिल की गई याचिकाओं का ही योगदान था।
अपने पुराने इतिहास को नई उचाईयो व इस बार किसी भी कीमत पर आने वाले संसदीय आरक्षण को बढ़ने से रोकने का मन युथ फॉर इक्वलिटी के अध्यक्ष डॉ कौशल कांत जी ने बना लिया है जिसके लिए देश भर की करीब 4000 शहरो से लोगो को जोड़ा जायेगा इसके अतिरिक्त सभी विश्विधालयो में YFE की छात्र इकाई का निर्माण किया जायेगा।
मिशन 2020 के तहत सभी संगठनों को एक मंच पर लाने का कार्य भी YFE करेगी जिससे पूरी ताक़त से वह अपने मिशन को अंजाम दे सके। युथ फॉर इकॉलिटी ने सभी क्षेत्रो से लोगो को जुड़ने आह्वान भी किया ताकि समाज जातिगत नीतियों के खिलाफ एक जुट होकर लड़ सके।
- कैसे जुड़े युथ फॉर इक्वलिटी से
इस जन आंदोलन से जुड़ने के लिए आपको एक फॉर्म को ऑनलाइन भरना होगा (फॉर्म पर जाने के लिए इस टेक्स्ट पर क्लिक करे) या फिर इस फ़ोन नंबर – 8800454121 या 9891149778 पर अपना सन्देश व्हाट्सप्प करना होगा। जिसके बाद 24 घंटे के अंदर आपको युथ फॉर इक्वलिटी के कार्यकर्ताओ द्वारा संपर्क किया जाएगा और आपको उपयुक्त जिम्मेदारी दी जाएगी।