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आवास योजना: सड़े छप्पर के नीचे एक तख़्त पर रह रहा है 7 लोगो का ब्राह्मण परिवार, तख़्त पर करी 5 बहनो की शादी

सीतापुर: उत्तरप्रदेश के सीतापुर जिले के रहने वाले ब्रिज किशोर पांडेय अपने 7 लोगो के परिवार के साथ एक तख्त पर त्रिपाल डाल रहने को मजबूर है। दरअसल सीतहरी ग्राम के निवासी ब्रिज क्रिशोर पांडेय लम्बे समय से गरीबी के कारण कच्चे माकन में अपना जीवन व्यापन करते आये थे। जिसके बाद वर्ष 2018 में एक तूफान में इनका घर ढह गया।

सर से घर का साया उजड़ जाने के बाद ब्रिज किशोर पांडेय ने सरकारी अधिकारियो के पास इस घटना की सुचना देते हुए मदद की गुहार लगाई। मदद के तौर पर जांच पड़ताल के बाद प्रशासन ने काना फुसी करते हुए मात्र 3200 रूपए ब्रिज किशोर के अकाउंट में बतौर आपदा राषि उपलब्ध कराई। लेकिन इसे तहसील की सूचि में दर्ज नहीं कराया गया था। जिससे पीड़ित अनजान रहा।

वहीं दूसरी ओर पीड़ित ने अपने पिता के नाम से आवास के लिए आवेदन भी किया हुआ था। जिसके बाद पीड़ित को प्रथम वरीयता मिलते हुए मुख्य मंत्री आवास योजना में पहले स्थान पर तरजीह भी दी गई।

इस योजना के तहत पीड़ित को आवास के लिए कुल 2.5 लाख रूपए की राशि मिलनी थी। लेकिन आपदा सूचि में नाम न शामिल होने पर पीड़ित को उसके हक़ से वंचित कर दिया गया। जबकि पीड़ित को आपदा राशि दी गयी थी।

Disaster Relief Fund’s Slip

जिसपर SDM से वार्ता करने पर पीड़ित ने अपनी बाते रखी लेकिन वहां से भी पीड़ित को कुछ खास लाभ नहीं मिला। वहीं प्रधान संतोष रविदास भी पीड़ित की किसी भी प्रकार से मदद नहीं कर रहा है।

पीड़ित ब्रिज किशोर ने आरोप लगाते हुए कहा कि संतोष रविदास दलित समुदाय से आता है इसलिए वह जातिवाद के कारण मदद नहीं कर रहा है। उल्टा संतोष ही लेखपाल के साथ मिल बृजकिशोर को उनके लाभ से वंचित किये हुए है।

पास के प्राइवेट स्कूल में 2 हजार की नौकरी कर चला रहे है जीवन यापन
प्रार्थी ब्रिज किशोर पांडेय पास के ही एक छोटे विद्यालय में नौकरी कर अपना पेट पाल रहे है। वहीं ब्रिज किशोर ने अपनी सभी जमा पूंजी अपनी 5 बहनो की शादी में लगा दी थी।

जिस कारण अब वह अपने कच्चे घर को दुबारा बनाने में असमर्थ है। ब्रिज किशोर के तीन बच्चे व घर में उनकी पत्नी समेत माता पिता भी रहते है। जिन्हे एक तख्त के सहारे अपनी जिंदगी काटनी पड़ रही है।

खैर प्रशासन ने हमसे बातचीत में जल्द कार्यवाई करते हुए प्रार्थी को उनका लाभ देने की बाते कही है। लेकिन दलित को शौचालय में रहने की पुरानी खबर को नया दिखाने वाली मीडिया ब्रिज किशोर पांडेय के तख्त पर त्रिपाल डाले रहने की खबरों को हजम कर जाता है। जिसके कारण पीड़ित भी मीडिया की जातिगत खबरों का विक्टिम बन रहा है।


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Why Aarushi Kapoor is writing this piece?

Aarushi Kapoor is a student of journalism at the University of Delhi. She has a very keen interest in National politics and a knack over liberals and left-oriented politics. Moreover, She loves right because right is always right!

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