72 साल की कमाई: QS वर्ल्ड युनिवर्सिटी की टॉप-100 रैंकिंग में भारत के जीरो संस्थान
पिछले दिनों लंदन की संस्था नें जारी की विश्व की टॉप युनिवर्सिटी की रैंकिग, भारत के संस्थान अभी भी टॉप 100 से कोसों दूर
नईदिल्ली : 15 अगस्त 2019 को हम आज़ादी के 72 साल पूरे कर रहे हैं और शिक्षा की उपलब्धि के नाम पर हमनें ऐसा कुछ नहीं किया जिसे विश्व हमारा लोहा माने |
अब हमारा भारतवर्ष आजादी के 70 साल पूरे करके आगे निकल चुका है लगभग 72 साल हो ही गए हैं | और हम कुछ देर के लिए भूल जाते हैं कि इतने में मोटा मोटा 60 साल देश की सबसे पुरानी पार्टी काँग्रेस नें राज किया वहीं लगभग 15 साल भाजपा भी सत्ता सुख भोग चुकी है | वहीं देश के अलग-अलग 29 राज्यों में सैकड़ों क्षेत्रीय पार्टियों समेत कुछ अन्य राष्ट्रीय दलों नें भी 5 साल 10 साल 20 साल ऐसे कई सालों तक सत्ता की कुर्सियां तोड़ी लेकिन यदि इन सबसे देश का युवा ये पूछे कि इन 72 सालों में शिक्षा की कमाई क्या रही तो अभी लंदन की संस्था QS नें पिछले माह ग्लोबल रैंकिंग 2019 जारी की है | और इस लिस्ट में भारत के कोई भी संस्थान टॉप 100 में जगह नहीं बना सके हैं |
इसके अलावा टॉप 200 में भारत की लाज रखने में तीन IITs कामयाब रहे हैं | ये हैं IIT बाम्बे, IIT-दिल्ली व IISC बंगलोर वहीं भारत की एक नई युनिवर्सिटी जोकि 2009 में बनी थी वो दुनिया की सबसे कम समय में टॉप 1 हजार रैंकिंग पाने वाली युनिवर्सिटी बनी है |
देश की बड़ी युनिवर्सिटी माने जाने वाली दिल्ली युनिवर्सिटी आहिस्ता आहिस्ता बढ़ रही है पिछले स्थान 487 से 474 तक पहुंच गयी है वहीं IIT गुवाहाटी का पहिया उल्टा घूम गया और वो 472 से 491 पहुंच गयी | और दूसरी IITs में मद्रास, खड़गपुर, कानपुर और रुड़की टॉप 400 में स्थान रख पा रही हैं जबकि देश में इन्हें टॉप माना जाता है |
बाकी सरकार नई है शिक्षा मंत्री निशंक जी नें टॉप 200 में तीन संस्थानों को आने पर बधाई भी दे दी है लेकिन आज देश का युवा यही माँग कर रहा है कि जिस तरह भारत अन्य क्षेत्रों में दुनिया को टक्कर दे रहा है क्रिकेट में धाक, ISRO की उड़ान, सितम्बर में चन्द्रयान-2 भी भारत का अंतरीक्ष संगठन ISRO भेजने की तैयारी कर रहा है | तो क्या हम अगले कुछ सालों में देख पाएँगे कि भारत का कोई भी संस्थान विश्व में टक्कर देगा और टॉप 100 में अपनी दस्तक दे पाएगा |
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— QS World University Rankings (@worlduniranking) June 18, 2019
50 percentage Teachers Aarakshan ki wajhe se banengi to yahi hoga…..