MP में 793 भू-माफियों व गुंडों पर कार्रवाई कर मुक्त कराई गई ₹7800 करोड़ की भूमि
नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।
इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मध्यप्रदेश की विभिन्न योजनाओं व कार्यों की जानकारी दी। उन्हें म.प्र. में धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020 लागू होने, महिला अपराध रोकने के लिए सम्मान अभियान, ‘एफआईआर-आपके द्वार’ सेवा शुरू होने जानकारी दी।
नड्डा को प्रदेश में चल रहे माफियाओं के खिलाफ अभियान के बारे में भी जानकारी दी। शिवराज सिंह ने बताया कि अब तक 793 भू-माफियों व गुंडों पर कार्रवाई कर 921 हेक्टेयर भूमि जो कि 7800 करोड़ रुपए की है, उसे मुक्त कराया गया है। चिटफंड कंपनियों से लगभग 200 करोड़ राशि वापस कराई गई है।
शिवराज सिंह ने जेपी नड्डा को अवगत कराया कि मध्यप्रदेश स्व-सहायता समूहों को ऋण वितरण में देश में पहले स्थान पर और स्मार्ट सिटी मिशन की रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है।
कृषि मंत्री से भी मुलाकात की:
इसी बीच मध्य प्रदेश CM ने दिल्ली में कृषि मंत्री से भी मुलाकात की जिसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि मैंने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से कहा है कि हमारे पास 84 लाख मीट्रिक टन गेहूं गोदामों में भरा हुआ है, उसे तेजी से उठा लिया जाए तो नए गेहूं को हम MSP पर खरीद लेंगे। कृषि मंत्री ने हमें इसके लिए आश्वासन दिया।
रेलमंत्री से भी चर्चा:
मुख्यमंत्री ने आज दिल्ली में रेलमंत्री पीयूष गोयल से भेंट कर महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि मध्यप्रदेश में अब समपार फाटक नहीं रहेंगे। हमने 105 स्थान चिन्हित किये हैं, जहाँ आरओबी या अंडरब्रिज बनाये जाएंगे। आरओबी के निर्माण में 50% हिस्सा केंद्र सरकार देती है।
उन्होंने रेलमंत्री से निवेदन किया कि अगर वे स्वीकृति दें, तो राज्य सरकार इन निर्माणकार्यों के लिए बजट में पर्याप्त राशि की व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि पीयूष जी ने सभी अंडरब्रिज के रेलवे द्वारा निर्माण का आश्वासन दिया है जिसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूँ।
अंत में उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने पिछले साल गेहूँ की रिकॉर्ड खरीदी की। इस वर्ष गेहूँ की फसल आने वाली है। 84 लाख मैट्रिक टन गेहूँ हमारे गोदामों में रखा हुआ है। मैंने इसके तेज़ी से उठाव का आग्रह किया है, जिससे नए गेहूँ को रखने की जगह मिल सके।