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यदि कोई पूछे मानव किस आकाश के नीचे सबसे विकसित थे, मैं भारत कहूँगा: जर्मन विद्वान, मैक्स मूलर

जर्मनी के विद्वान मैक्स मूलर संस्कृत पढ़ने के लिए आए थे भारत, फ्रांस व इंग्लैण्ड जैसे कई देश, वेद-पुराण-उपनिषदों को माना था अपना प्रेरणास्रोत

नईदिल्ली : वैदिक ज्ञान से प्रभावित हुए जर्मन विद्वान नें सनातनी भारतीय संस्कृति को सबसे अधिक विकसित बताया था और ये विद्वान हैं मैक्स मुलर |

आइए पहले थोड़ा सा इन महान जर्मन विद्वान के बारे में जानते हैं, 6 दिसंबर 1823 को जन्में और 28 अक्टूबर 1900 में इस दुनिया से चल बसे | इन्होने संस्कृत भाषा को लेकर काफ़ी गहन अध्ययन व शोध किया और ऑक्स्फ़र्ड युनिवर्सिटी में उन्होंने पहली पुस्तक लिखी हितोपदेश जोकि भारतीय जातक कथाओं का संकलन थी | 1845 में संस्कृत पढ़ने के लिए फ्रांस के पेरिस शहर गए इसके बाद इंग्लैंड | वो स्वामी रामकृष्ण परमहंस के वेदान्तिक दर्शन से काफ़ी प्रभावित थे और उन्होंने इसके संबंध में कई निबंध व् पुस्तकें भी लिख थी |

उन्होंने भारतीय सभ्यता, संस्कृति व परंपरा का काफ़ी अध्ययन किया था उन्होंने कहा था कि “अगर मुझसे पूछा जाए कि मानव मन ने अपने सबसे अच्छे उपहारों में से किस आकाश को सबसे अधिक विकसित किया है, तो जीवन की सबसे बड़ी समस्याओं पर गहराई से विचार किया है, और समाधान पाया है, मुझे भारत की ओर इशारा करना चाहिए।”

इन्हें लेखक व विद्वान के रूप में पूरी दुनिया नें जाना और इन्होने अपनी पुस्तक ‘सेक्रेड बुक्स ऑफ़ द ईस्ट’ में लिखा है, “दुनिया में कोई भी ऐसी किताब नहीं है जो उपनिषदों के रूप में इतनी रोमांचकारी, सरगर्मी और प्रेरणा देने वाली हो ।”

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