‘अन्नपूर्णा’ देवी के नाम की रसोई योजना गहलोत सरकार ने इंदिरा के नाम पर की, हुआ विरोध !
जयपुर (राजस्थान) : राशन योजना का नाम बदलकर गांधी परिवार पर करने से BJP गहलोत सरकार को घेर रही है।
गांधी परिवार के नाम पर योजना का नाम करने से राजस्थान की कांग्रेस सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। दो दिन पूर्व अशोक गहलोत वाली कांग्रेस सरकार नें प्रदेश नें गरीबों को रियायती खाना देने के लिए एक योजना शुरू की है जिसकी नाम ‘इंडिरा रसोई योजना’ रख दिया गया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने योजना को ’कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम बताया है। ये योजना प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में शुरू होंगी जिसके तहत जरूरतमंद लोगों को दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन रियायती दर से उपलब्ध कराया जाएगा।
राज्य सरकार इस योजना पर प्रति वर्ष 100 करोड़ रू खर्च करेगी। योजना के संचालन में स्थानीय NGO की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी एवं सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से प्रभावी मॉनिटरिंग होगी।
योजना की घोषणा तब की गई जब वर्चुअल कान्फ्रेंस के माध्यम से राज्य स्तरीय कोविड-19 जागरूकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग को CM गहलोत नें दो दिन पहले संबोधित किया था।
’कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत की घोषणा की है। इस योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन रियायती दर से उपलब्ध कराया जाएगा। #Rajasthan pic.twitter.com/tnyUWD0vNU
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 22, 2020
वहीं गरीबों को रियायती खाना देने वाली इस योजना के नाम को इंदिरा गांधी के नाम पर रखने का पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने विरोध जताया। वसुंधरा राजे ने कहा कि “हमारी सरकार की योजनाओं का नाम बदलने में माहिर कांग्रेस सरकार ने ‘अन्नपूर्णा रसोई’ का नाम बदलकर ‘इंदिरा रसोई योजना’ कर दिया है। चलो देर आयद दुरुस्त आए।”
हमारी @BJP4Rajasthan सरकार की योजनाओं का नाम बदलने में माहिर कांग्रेस सरकार ने ‘अन्नपूर्णा रसोई’ का नाम बदलकर ‘इंदिरा रसोई योजना’ कर दिया है।
चलो देर आयद दुरुस्त आयद!#AnnapurnaRasoi— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) June 22, 2020
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 15 दिसंबर 2016 को राजस्थान में अन्नपूर्णा रसोई योजना (ARY) शुरु की थी। उस योजना में अन्नपूर्णा रसोई वैन के जरिए मात्र 5 रुपये में सुबह का नाश्ता और महज 8 रुपये में पौष्टिक भोजन दिया जाता था।
हालांकि वसुंधरा राजे ने आरोप लगाया कि “गहलोत सरकार ने अन्नपूर्णा योजना को बंद कर दिया था जिसे नाम बदल कर ही सही, आख़िर जनता की मांग पर उनकी अन्नपूर्णा रसोई योजना को शुरू करना ही पड़ा।”
गहलोत सरकार को चेतावनी देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि “नाम नहीं अपने आप को भी बदलो सरकार। नहीं तो जनता सब कुछ बदल डालेगी।”
अन्नपूर्णा शब्द के बारे में बता दें कि हिन्दू धर्म में माँ जगदम्बा का ही एक रूप अन्नपूर्णा को माना गया है। सनातन धर्म की मान्यता है कि प्राणियों को भोजन माँ अन्नपूर्णा की कृपा से ही प्राप्त होता है।
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Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Riwa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas. Moreover, Tiwari Ji is from a science background and had scored more than 95% in his intermediate exams!