‘तुम अंबेडकरवादी मीडिया का सम्मान नहीं करते’: जिग्नेश ने अंबेडकरवादी यूट्यूबर को इंटरव्यू देने से पहले मांगी प्रश्नों की सूची
नई दिल्ली: गुजरात के निर्दलीय विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी 28 सितम्बर, मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। जिग्नेश के साथ सीपीआई नेता कन्हैया कुमार भी कांग्रेस में शामिल हुए है। जिग्नेश मेवाणी की पहचान एक दलित नेता के तौर पर होती है।
हाल ही में एक अम्बेडकरवादी यूट्यूबर ने जब जिग्नेश का इंटरव्यू लेना चाहा तो जिग्नेश के टीम ने उससे प्रश्नो की लिस्ट मांग ली। इस बात से खफा यूट्यूबर ने स्वयं इंटरव्यू रद्द कर दिया। जिसके बाद दोनों की बीच हुई चैट का स्क्रीनशॉट भी ट्वीट कर दिया। वायरल चैट के स्क्रीनशॉट में कथित तौर पर जिग्नेश की टीम का एक सुरेश नाम का व्यक्ति इंटरव्यू से पहले प्रश्नों के बारे में पूछ रहा है।
जिस पर यूट्यूबर ने जबाव दिया कि, अगर वे अम्बेडकरवादी मीडिया का सम्मान नहीं करते तो मुझे इंटरव्यू की आवश्यकता नहीं है। मेरा सन्देश जिग्नेश तक पहुंचा देना। जिस पर सुरेश ने जबाव दिया कि यह सम्मान की बात नहीं है। हमारे कुछ दिशानिर्देश है जिनका हम सभी के लिए पालन करते हैं।
यह पहला अवसर नहीं है जब जिग्नेश पर अम्बेडकरवादियों ने अम्बेडकर का सम्मान न करने का आरोप लगाया है। इससे पहले वे आंबेडकर की विचारधारा की आलोचना कर अम्बेडकरवादियों के निशाने पर आ गए थे।
उन्होंने कहा था कि, ‘दलित आंदोलन को यह समझने की जरूरत है कि वामपंथी एक ऐसे समाज को विकसित करना चाहते हैं जहां जाति, पंथ और किसी वर्ग का उत्पीड़न नहीं होगा। इस तरह वे आपके प्राकृतिक सहयोगी होंगे। इस विशेष संदर्भ में डॉक्टर आंबेडकर के अलग विचार हैं तो मेरा उनसे अलग विचार है। यदि लेनिन और कार्ल मार्क्स ने जो कह दिया तो वह पत्थर की लकीर नहीं है तो जो डॉक्टर आंबेडकर या पेरियार ने कहा वह भी पत्थर पर नहीं लिखा गया है। यह बाबा साहब ने ही हमें बताया था।’
जिग्नेश के इस बयान की आलोचना भीमराव आंबेडकर के पोते और दलित नेता प्रकाश आंबेडकर ने भी की थी।