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दलित युवक नें आरक्षण ख़त्म करने के लिए दायर की याचिका, सुप्रीमकोर्ट नें किया स्वीकार !

नीमच (MP) : आरक्षित वर्ग के ही दलित युवाओं नें आरक्षण के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट से लेकर सड़कों तक मोर्चा खोल दिया है।
एक ओर MP के मंदसौर जिले में दलित वर्ग के युवाओं ने आरक्षण के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है। उनका कहना है कि 20% लोग ही आरक्षण का लाभ पा रहे हैं, असली ग़रीबों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है।

वहीं नीमच जिले की रामपुरा तहसील से आने वाले दलित युवक विक्रम सिंह बागड़े नें आरक्षण का बड़े स्तर पर लाभ ले चुके नेता और अधिकारियों का शिक्षा और सरकारी नौकरियो में आरक्षण खत्म करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

याचिका में जो देशहित में आगे आकर आरक्षण छोड़ना चाहते हैं उसके लिए विकल्प भी मांगा गया है। विक्रम कुमार बागड़े द्वारा 25 जनवरी को इस सम्बंध में जनहित याचिका के लिए पत्र पिटीशन द्वारा आवेदन किया गया और 2 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे मंज़ूर कर लिया गया।
याचिकाकर्ता विक्रम अनुसूचित वर्ग से आते हैं, उनके पिता चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। उन्होंने 12वीं के बाद आरक्षण नहीं लिया न ही कालेज की छात्रवृत्ति ली।
विक्रम नें इस मसले पर खुलकर सबके सामने आरक्षण छोड़ने के लिए आव्हान किया है। उन्होंने कहा कि “मैं अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण से आता हूं और आगे आकर अपने जाति प्रमाण पत्र के साथ अपने आरक्षण को सरकार को लौटना चाहता हूँ मगर कोई विकल्प ऐसा सरकार द्वारा नही दिया जा रहा जिसके लिए मैंने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी लगा रखी है।”

 

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