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दलित IPS नें दी मिसाल, बोले- नहीं लेता मेरा बेटा आरक्षण, लोग स्वेच्छा से छोड़ें आरक्षण !

नागपुर : नागालैंड पुलिस के दलित IPS अधिकारी नें आरक्षण पर देश के सामने एक मिसाल पेश किया है।

देश की आज़ादी के 70 साल से भी ज़्यादा हो चुके हैं राजनीति से लेकर आम तौर पर सामाजिक न्याय को लेकर बातें आती हैं प्रश्न उठता है कि क्या जो संविधान निर्माताओं नें सपने इसके लिए देखे थे वो पूरे हुए। जिसका अधिकतर लोग आधे अधूरे शब्दों में जवाब देते हैं अर्थात वो सपने आंशिक रूप से ही साकार हुए।

Raily for Reservation in Maharashtra

हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर जिले में समाज सेवी संस्था SMSN की ओर से आयोजित पैनल डिस्कशन “मंंथन” में देश के जाने मानें IPS अधिकारी सन्दीप मधुुुकर तमगाडगे नें भी सामाजिक सुरक्षा से जुड़े आरक्षण विषय पर अपनी राय रखी।

SMSN Panel Discussion, Nagpur, Source TOI

हालाँकि उन्होंने चर्चा के दौरान ख़ुद बताया कि उनका बेटा आरक्षित श्रेणी में होने के बावजूद आरक्षण नहीं लेता।

नागालैंड पुलिस के महानिरीक्षक (IG) संदीप तमगाडगे नेें कहा कि “आरक्षण छोड़ना, स्वेच्छा से होना चाहिए।, आरक्षित वर्गों में क्रीमी लेयर का जबरदस्ती  लागू करना अच्छा विचार नहीं है। इसे स्वैच्छिक बनाया जाना चाहिए।”

Manthan at Nagpur, Discussion on Reservation System

इसके आगे IG संदीप बोले आरक्षण के लाभ को छोड़ने के इच्छुक लोग इसे खुलकर और स्पष्ट रूप से घोषणा करें।”

अंत में IPS संदीप नें आरक्षण पर देश के लिए मिसाल के तौर पर बताया कि उनका बेटा अब जाति-आधारित आरक्षण का लाभ नहीं लेता है।

Recent View of IPS Sandip Tamgadge on Caste Based Reservation, Ref, TOI

कौन हैं IPS संदीप तमगाडगे ?

संदीप 2001 बैच में नगालैंड कॉडर के IPS अधिकारी हैं। इसके अलावा वो महाराष्ट्र में नागपुर के SP भी रहे हैं।

IPS Sandip Tamgadge

वहीं CBI टीम का भी हिस्सा वो रह चुके हैं। और जुलाई 2013 में जब वो नागपुर पुलिस में SP थे तब इशरत जहां एनकाउंटर केस में चर्चा में आए।

 

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