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इंदौर: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी व नलिन यादव की बेल याचिका को खारिज कर दिया है। मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों आरोपियों के द्वारा जानभूझकर हिन्दू देवी देवताओं के विरोध में बेहद ही आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में जमानत देने से मना कर दिया है।
आपको बता दें कि दोनों आरोपियों को 2 जनवरी को हिन्दू देवी देवताओं पर अभद्र मजाक करने व Covid 19 प्रोटोकॉल तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों के खिलाफ हिन्दू रक्षक संगठन के अध्यक्ष एकलव्य सिंह गौड़ व मालिनी सिंह गौड़ ने इंदौर में नए साल के मौके पर चल रहे एक कॉमेडी शो के दौरान भगवान श्री राम व माता सीता पर अभद्र टिप्पणियां करने को लेकर FIR दर्ज कराई थी। पुलिस ने त्वरित कार्यवाई करते हुए दोनों को 2 जनवरी को इंदौर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
कोर्ट ने दोनों कि जमानत याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि अब तक एकत्र किए गए साक्ष्यों का अवलोकन यही दर्शाता है कि “जानबूझकर इरादे के साथ भारत के नागरिकों के एक वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित” किया गया था।” आगे कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि “अब तक एकत्र किए गए सबूत / सामग्री, यह सुझाव देते हैं कि व्यावसायिक लाभ के लिए एक सार्वजनिक स्थान पर प्राइम कॉमेडी की आड़ में एक संगठित सार्वजनिक कार्यक्रम, प्रथम दृष्टि अपमानजनक, अपमानजनक उक्तियों व जानबूझकर इरादे के साथ भारत के नागरिकों के एक वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित आवेदकों द्वारा किया गया था। ” जिसके चलते उनकी जमानत याचिका को कोर्ट ने निरस्त कर दिया है।
वहीं मुनव्वर फारूकी के वकील अंशुमान श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी ओर से 25 जनवरी को जमानत याचिका डाली गई थी जिसे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। उन्हें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है व अब आगे जमानत के लिए अन्य प्रयास किये जायेंगे।