OBC आरक्षण बढ़ाने का वादा करने वाले CM रघुबर दास 16 हज़ार वोट से हारे
रांची: झारखण्ड चुनावो में बुरी तरह मुँह की खा चुकी भाजपा ने अब अंदर खाने चिंतन करना शुरू कर दिया है। वही सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने सबको चौका दिया है।
हेमंत सोरेन के नेतृत्त्व में सबसे अधिक 30 सीटों पर खबर लिखने तक कब्ज़ा जमा चुकी JMM ने गठबंधन में सबसे अधिक वोट प्रतिशत भी जुटाया है परन्तु सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत भाजपा सबसे आगे रही।
वही कांग्रेस के खाते में 16 व आरजेडी को 1 सीट मिलती हुई दिख रही है। इसके अतिरिक्त AJSU पार्टी 2 व CPIM 1 सीट कब्जाने में कामयाब रही।
वही अपने बड़े बड़े नेताओ के टिकट काट कर मैदान में ताल ठोक रही भाजपा को चारो तरफ मुँह की खानी पड़ी है। पार्टी ने पिछली सरकार में रहे अपने ही मंत्री सरयू राय का टिकट काट दिया था जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ ही निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया था।
सरयू राय ने ईस्ट जमेशदपुर की सीट से चुनाव लड़ते हुए अपने ही मुख्यमंत्री रघुबर दस को लगभग 16 हज़ार के भारी भरकम अंतर से पटखनी दे डाली।
भाजपा का ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का चुनावी कार्ड भी खोखला ही रह गया। यहाँ तक की ओबीसी सीएम को भी झारखण्ड की जनता ने दरकिनार कर दिया।
विशेज्ञों की माने तो जहा जहा भाजपा ने आरक्षण रूपी कार्ड खेलने का प्रयास किया वहां वहां भाजपा को सत्ता से दूर होना पड़ा। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र से लेकर अब झारखण्ड में भी बीजेपी को जनता ने दरकिनार कर दिया है।