IIT में पिछले दो साल के सरकार ने साझा किये आंकड़े, आरक्षित छात्रों का हाल बेहाल
वर्ष 2017 से 2019 तक के जारी आंकड़ों के हिसाब से कुल 2461 छात्रों ने बीच में पढाई को छोड़ दिया जिसमे भारी तादाद फेल होने वाले छात्रों की है।
नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा जारी किये गए ताजा आंकड़ों में आईआईटी से ड्रॉपआउट करने वाले छात्रों का डाटा साझा किया गया है। आईआईटी में देशभर में से लाखो बच्चे इंजीनियरिंग की परीक्षा के लिए बैठते है जिसमे सिर्फ कुछ हज़ार ही सफल हो पाते है। आपको बता दे कि आईआईटी की परीक्षा को देश व दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओ का तमगा हासिल है।
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वर्ष 2017 से 2019 तक के जारी आंकड़ों के हिसाब से कुल 2461 छात्रों ने बीच में पढाई को छोड़ दिया जिसमे भारी तादाद फेल होने वाले छात्रों की है। जिसमे से करीब 371 छात्र अनुसुचितजाति, 199 छात्र अनुसुचितजनजाति व 601 छात्र ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखते है।
वही सबसे अधिक ड्रॉपआउट आईआईटी दिल्ली(782), आईआईटी खरगपुर(622), IIT बॉम्बे (263) से देखने को मिले है।
वही आईआईएम में हुए कुल 99 ड्रॉपआउट में से 14 SC, 21 ST और 27 OBC वर्ग से आये छात्र थे।
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Sl. No. | संस्थान | पिछले 2 साल में हुए ड्राप आउट | |||
---|---|---|---|---|---|
कुल | SC | ST | OBC | ||
1 | IIT Bombay | 263 | 37 | 12 | 66 |
2 | IIT Delhi | 782 | 111 | 84 | 161 |
3 | IIT Kanpur | 190 | 18 | 5 | 61 |
4 | IIT Madras | 128 | 14 | 6 | 38 |
5 | IIT Kharagpur | 622 | 120 | 63 | 140 |
6 | IIT Guwahati | 12 | 3 | 5 | 2 |
7 | IIT Roorkee | 57 | 14 | 5 | 38 |
8 | IIT BHU(Varanasi) | 7 | 0 | 0 | 0 |
9 | IIT Hyderabad | 85 | 8 | 4 | 25 |
10 | IIT Patna | 92 | 8 | 2 | 25 |
11 | IIT Jodhpur | 21 | 3 | 0 | 7 |
12 | IIT Bhubaneswar | 39 | 8 | 2 | 9 |
13 | IIT Gandhinagar | 4 | 2 | 1 | 1 |
14 | IIT Indore | 50 | 6 | 3 | 8 |
15 | IIT Ropar | 34 | 8 | 4 | 8 |
16 | IIT Mandi | 34 | 3 | 0 | 6 |
17 | IIT Tirupati | 18 | 6 | 3 | 3 |
18 | IIT Palakkad | 2 | 1 | 0 | 0 |
19 | IIT Bhilai | 5 | 0 | 0 | 0 |
20 | IIT Jammu | 6 | 0 | 0 | 0 |
21 | IIT Goa | 0 | 0 | 0 | 0 |
22 | IIT Dharwad | 1 | 0 | 0 | 1 |
23 | IIT (ISM) Dhanbad. | 9 | 1 | 0 | 2 |
Total | 2461 | 371 | 199 | 601 |
आरक्षित वर्ग से अधिक छात्र इस ड्रॉपआउट की लिस्ट में शामिल है व सबसे अधिक छात्र पोस्ट ग्रेजुएट व पीएचडी से देखने को मिले है।
आईआईटी के अध्यापको के मुताबिक आरक्षित कोटे से आने वाले छात्र भारी भरकर पढाई का स्तर व दबाव बर्दास्त नहीं कर पाते है जिसके कारण उन्हें बीच में पढाई छोड़नी पड़ती है। वही घरवालों के बढ़ते दबाव और कमजोर आर्थिक स्तिथि भी छात्रों को बीच में पढाई छोड़ने पर मजबूर करती है।
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