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‘क्या राम पूजा करने लायक हैं’ कहने वाले दलित नेता देवाशीष 2 लाख वोटों से हारे

2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सबसे युवा प्रत्याशी थे दलित नेता देवाशीष जरारिया, हिंदू देवी देवताओं पे दिए गए बयानों से रहे हैं विवादों में

भोपाल (एमपी) : राम सहित हिंदू देवी देवताओं पर विवादित टिप्पणी कर विवादों में रहे दलित नेता देवाशीष जरारिया को अपनी सीट गंवानी पड़ गई है |

लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आ चुके हैं और अब जारी है देश में सबसे चर्चित रही सीटों के हार जीत के कारणों व विश्लेषणों का | एमपी की एक सीट है भिंड दतिया लोकसभा क्षेत्र-2 जहां से कांग्रेस से इस लोकसभा में पार्टी के सबसे युवा उम्मीदवार व दलित नेता देवाशीष जरारिया अपना पहला चुनाव लड़ रहे थे |

आपको बता दें कि देवाशीष पहले बसपा में भी रह चुके हैं लेकिन करीब 6 माह पहले ही कांग्रेस में आए थे | जबकि 2 अप्रैल वाले दलितों के भारत बंद व हिंसक प्रदर्शन के बाद वो सबसे अधिक लाइम लाइट में आए | वहीं उनके टिकट दिए जाने पर भी मध्यप्रदेश कांग्रेस में आंतरिक विरोध की खबरें आई थीं |



कुछ लोग इन्हें एमपी के जिग्नेश मेवाणी भी कहते हैं इससे अधिक इन्होंने अपनी पहचान एक युवा दलित नेता व प्रवक्ता के रूप में बना ली है | हालांकि इन सबके बावजूद उन्होंने भिंड दतिया-2 से अपना चुनाव लड़ा और  करीब 2 लाख वोटों के बड़े अंतर से हार गए हैं |

चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस सीट से भाजपा उम्मीदवार साधना राय को 5,27,694 वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के देवाशीष को 3,27,809 ही मिले और इस तरह से वो 19,9,885 वोटों से हार गए |

BHIND-DATIYA SEAT, SOURCE EC

वहीं देवाशीष को लेकर क्षेत्र के लोगों में 2 अप्रैल वाले भारत बंद में समर्थन को लेकर काफ़ी गुस्सा भी था क्योंकि जब वो चुनाव प्रचार करने जाते तो सवर्ण जाति के लोग उनसे समर्थन को लेकर कड़े सवाल पूछते थे |



इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया में ट्विटर के जरिए कई बार हिंदू धर्म की भावनाएं आहत करने वाली बातें लिखी जिसको लेकर यूजर्स नें बहुत ट्रोल भी किया था |

उनके कुछ विवादित बयानों के ट्वीट व स्क्रीन शॉट देखिए जिसमें 11 अक्टूबर 2016 में  पवित्र त्यौहार दशहरा के दिन ट्वीट किया जिसमें लिखा कि “रावण मृत्यु के लायक है क्योंकि उसने सीता का अपहरण किया था लेकिन क्या राम पूजा करने के लायक हैं जैसा कि उन्होंने गर्भवती सीता को आरोपों के कारण छोड़ दिया था ?”

इसके अलावा 1 अगस्त 2016 को एक ट्वीट में उन्होंने कहा था कि “मेरे परिवार में हिंदू देवी देवताओं को कोई नहीं पूजता, हम सिर्फ बाबा साहब और बुद्धा को मानते हैं “|



इसके आगे लिखा कि “हिंदू धर्म हमारे सम्मान के ख़िलाफ़ है” |

लेकिन जब 6 मई 2019 यानी चुनाव प्रचार के समय उन्होंने मंदिर में जाकर उन्ही हिंदू देवी देवताओं के दर्शन किए जिस पर कभी प्रश्न उठाए थे और फिर सोशल मीडिया में शेयर भी किया तो एक तरफ से लोगों नें सवाल पूछना शुरू कर दिया और खूब ट्रोल भी किया |

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