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जुखाम में ही क्यों जाम होती है नाक, जाने कारण और उपाय ! – हेल्थ टिप्स

अपने खान पान में अधिक से अधिक विटामिन और मिनरल से लबालब खाने को दे तरजीह, रात में भारी खाने के सेवन से बचे!

हेल्थ ज्ञान : ठण्ड का मजा अगर कोई किरकिरा करता है तो उसमे जुखाम और बंद नाक का योगदान सबसे अधिक रहता है । क्या आपको जुखाम में होने वाली बंद नाक के पीछे का वैज्ञानिक सिद्धांत पता है ? आखिर जुखाम या ठण्ड के दौरान शरीर नाक के एक छोर को बंद क्यों कर देता है, तो चलिए इस समस्या का कारण और हल दोनों ही आज हम आप तक पहुंचा देते है।

क्यों होती है नाक बंद
नाक से स्वास लेना इसलिए लाभदायक होता है क्यूंकि इसमें मौजूद बाल अंदर जाने वाली हवा को बैक्टीरिया व प्रदुषण से साफ़ करने में मदद करते है। हमारी नास्य नली एक टिश्यू से बनी होती है जिसे म्यूकस मेम्ब्रेन कहते है। यही मेम्ब्रेन हमारे नास्य नली में बलगम का प्रभाव बनाये रखने में मदद करती है ताकि नली में नमी बनी रहे, यही कारण है की जुखाम में नमी बनाये रखने के लिए बार बार नाक में बलगम पैदा होता है।



साथ ही हमारे नास्य नली में मौजूद बाल जिन्हे डॉक्टरी भाषा में सिलिया कहा जाता है दिन भर में करीब 10 हजार लीटर हवा को साफ़ करने में मदद करती है जिसका बलगम भारी मात्रा में साथ देता है। इसलिए कहा जाता है की ज्यादा से ज्यादा सांस नाक के जरिये ली जानी चाहिए। म्यूकस(बलगम) पैदा करने के पीछे एक और कारण सामने आया है दरअसल म्यूकस के द्वारा शरीर का इन्फेक्शन और सारा डर्ट शरीर बाहर कर देती और स्वास के जरिये जाने वाले कीटाणुओं को नास्य नली में म्यूकस में फसा कर अंदर जाने से बचाती है

जब कभी आप को कोल्ड माने की ठण्ड लगती है तो नाक में मौजूद म्यूकस फूल जाती है और शरीर बलगम उत्पन्न करने की मात्रा को बढ़ा देता है ताकि शरीर में कम से कम मात्रा में धूल व प्रदुषण अंदर जाए। म्यूकस के अधिक मात्रा में फूल जाने की वजह से हमें ऐसे लगने लगता है की हमारी नाक जाम हो गयी है परन्तु यह शरीर द्वारा की जाने वाली एक साधारण क्रिया है ताकि शरीर में धूल और वायरस पैदा होने वाले बलगम में फस जाए और शरीर स्वस्थ रहे।

तो क्या आप अपने बलगम को लील जाते है ?
बलगम को जहाँ तक हो सके बाहर कर देना चाहिए क्यूंकि उनमे भारी मात्रा में गन्दगी समाहित होती है परन्तु अगर किसी कारण वस आप लील भी लेते है तो इससे उखड़ने वाला है नहीं कुछ, दरअसल आपके पेट में बनने वाले एसिड के आगे बलगम के कीटाणु कुछ नहीं है लला !!! तो इस भ्रम से बाहर आइये की बलगम लील जाने से आप बीमारियों को आमंत्रण दे रहे है।


कैसे बनता है म्यूकस(बलगम)
म्यूकस 95 प्रतिशत पानी, 3 प्रतिशत प्रोटीन और 1 फीसदी नमक होता है।

अब आपकी नाक तो हो गयी है बंद तो सवाल ये उठता है की इसे खोला कैसे जाए जिससे आप खुल कर सांस ले पाए। तो नीचे कुछ तरीके हम चस्पा कर रहे है जिन्हे अपना कर आप अपनी बंद नाक को खोलने का प्रयास कर सकते है बशर्ते शरीर आपके इस जोर के आगे हार जाये और आप जीत जाये !!!

  • दूध से बने हुए प्रोडक्ट के सेवन से जहाँ तक हो बचने का प्रयास करे क्यूंकि यह म्यूकस के रिसाव को बढ़ाने में मदद करते है। पर ध्यान रहे चीस, मक्खन और योगहर्ट इसके दायरे से बाहर है !
  • अपने खान पान में अधिक से अधिक विटामिन और मिनरल से लबालब खाने को तरजीह दे, रात में भारी खाने के सेवन से बचे!
  • कोल्ड ड्रिंक से अपने गले को सिंक होने से बचाये क्यूंकि यह कफ पैदा करने के लिए जिम्मेदार होते है।
  • गर्म पानी की भाप अधिक से अधिक ले, ये म्यूकस के रिसाव को नाटकीय रूप से कम करने में अव्वल है।
  • हो सके तो गर्म पानी का शॉवर जरूर ले, गर्म पानी से नहाने के बाद आपको तुरंत बंद नाक से रिलीफ मिल जायेगा।
  • लगातार पानी का सेवन करते रहे जिससे शरीर में पानी की कमी न हो पाए, ठण्ड में इंसान पानी कम पीना शुरू कर देता जिससे भी म्यूकस का रिसाव अधिक हो जाता है ताकि नास्य नली में नमी बनी रहे ।
  • जितनी बार संभव हो कड़क अदरक और तुलसी के पत्ते युक्त चाय का सेवन करते रहे जिससे शरीर अधिक से अधिक गर्म रहे और अदरक और तुलसी वायरस को खत्म करने में भी कारगर होती है।

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