पुजारियों और साधु संतों ने निकाली त्राहिमाम यात्रा, कहा समाप्त हो मंदिरों और मठों का सरकारीकरण
उज्जैन- देश भर में हिन्दू मंदिरों और मठों का लगातार हो रहे सरकारीकरण के कारण पुजारी, पुरोहित और साधु संतों में काफी रोष देखने को मिल रहा है, जिसके चलते महाकाल की नगरी उज्जैन में भी पुजारियों और साधु संतों के द्वारा बुधवार को त्राहिमाम का यात्रा आयोजन किया गया हैं।
जिसमें प्रदेश भर के सैकड़ों पुजारी, पुरोहितों और साधु संतों के साथ-साथ कई हिन्दू संगठनों ने हिस्सा लिया, त्राहिमाम यात्रा क्षिप्रा नदी स्थित रामघाट से शुरू होकर बाबा महाकाल मंदिर तक पहुंची। जहां पुजारियों ने मठ मंदिरो के सरकारीकरण बंद करने के साथ-साथ अपनी अन्य मांग भी रखी।
जिसमें मुख्य रूप से मंदिरो और मठों का सरकारीकरण समाप्त किया जाए और मंदिर, मठों का अधिकार पुजारियों को देते हुए उनकी सुरक्षा हेतु कानून बनाया जाए। इतना ही नहीं मठ और मंदिरों की संपत्तियों को भी सरकारी तंत्र से मुक्त किया जाए।
पुजारियों को मंदिर से किया जा रहा बेदखल
वहीं इंदौर से त्राहिमाम यात्रा में शामिल होने पहुंचे आचार्य गोपाल पुजारी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंदिरों और मठों का लगातार सरकारीकरण कर पुजारियों और पुरोहितों को मंदिरों से बेदखल किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि हमारी प्रमुख मांग है कि मठों, मंदिरों का सरकारीकरण बंद कर मंदिरों को सरकारी तंत्र से मुक्त किया जाए।
त्राहिमाम यात्रा में शामिल पुजारियों का कहना है कि यदि सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो भोपाल में एक बड़ा आदोंलन किया जाएगा। आपको बता दे कि इससे पहले भी कई बार पुजारी, पुरोहितों और हिन्दू संगठनों के द्वारा हिन्दू मठ और मंदिरों को सरकारी तंत्र से मुक्त करने की मांग की जा चुकी हैं।