बिहार: CM के निर्देश- ‘SC-ST एक्ट के केस में 60 दिनों के अंदर चार्जशीट दायर करें’
औरंगाबाद: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कल औरंगाबाद समाहरणालय स्थित योजना भवन सभागार में समाज सुधार अभियान की मगध प्रमंडल की समीक्षात्मक बैठक हुई।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष आयुक्त मगध प्रमण्डल श्री मयंक बरबड़े ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, अरवल एवं नवादा जिले में समाज सुधार अभियान की दिशा में की गई कार्रवाई के संबंध में अद्यतन स्थिति की जानकारी दी।
मगध प्रमंडल के आयुक्त ने प्रेजेंटेशन के जरिये मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अंतर्गत वाहनों की नीलामी, उत्पाद एवं पुलिस के अधीन जब्त शराब का विनष्टीकरण, नीरा उत्पादन, नशामुक्ति केंद्र, सघन नदी गश्ती, जमानत प्राप्त अभियुक्तों के विरुद्ध कार्रवाई, उत्पाद वादों की अद्यतन स्थिति आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन कार्यक्रमों से संबंधित प्रतिवेदन में बाल विवाह की स्थिति, दहेज प्रथा की स्थिति, दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत दर्ज कांडों की विवरणी जन जागरूकता एवं प्रचार प्रसार, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, अन्य हितधारकों का उन्मुखीकरण के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।
गृह विभाग से संबंधित प्रतिवेदन के अंतर्गत भूमि विवाद का समाधान थाना / अनुमंडल एवं जिला स्तर पर, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के वादों के निष्पादन की स्थिति, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अधिनियम के कांडों में मुआवजा के संवितरण की स्थिति, लंबित पुलिस वादों का विवरण के संबंध में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा थाना, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर भूमि विवाद से संबंधित बैठकें निर्धारित तिथि पर जरुर हों ताकि कोई मामला लंबित नहीं रहे। इस काम में अगर कोई अधिकारी कोताही या टालमटोल करते हैं तो उन्हें वहां से हटाकर दूसरे को जिम्मेवारी सौंपे।
उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की भी आहट है और इससे जुड़े मामले भी धीर – धीरे बढ़ रहे हैं। कोरोना के दौर में भी इन बैठकों को बंद नहीं करें। कोरोना संक्रमण का प्रकोप ज्यादा बढ़ने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन बैठकों को आयोजित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति – जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में 60 दिनों के अंदर चार्जशीट दायर करें।