भाला फेंक में नीरज चोपड़ा ने जीता स्वर्ण पदक, 4 साल पहले लिखा था- ‘इतिहास रचने वाला है’
टोक्यो: भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने शनिवार को इतिहास रच दिया क्योंकि वह ओलंपिक में ट्रैक और फील्ड में स्वर्ण जीतने वाले देश के पहले खिलाड़ी बने।
उन्होंने चल रहे टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक लेने के लिए 87.58 मीटर की दूरी फेंकी। नीरज ने 87.03 मीटर के जबरदस्त थ्रो के साथ पदक तलाशना शुरू किया। उन्होंने 87.58 मीटर के दूसरे थ्रो के साथ इसे बेहतर किया।
हालांकि बाद के राउंड्स में वह और सुधार नहीं कर पाए, लेकिन यह उन्हें स्वर्ण पदक दिलाने के लिए काफी था। वह अभिनव बिंद्रा के बाद व्यक्तिगत स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं।
इस जीत के परिणामस्वरूप, भारत ने अब बहु-खेल स्पर्धा में सात पदक जीत लिए हैं। चल रहे टोक्यो 2020 में बजरंग पुनिया (कांस्य), मीराबाई चानू (रजत), पीवी सिंधु (कांस्य), लवलीना बोरगोहेन (कांस्य), पुरुष हॉकी टीम (कांस्य) और रवि कुमार दहिया (रजत) ने भी पदक जीते हैं।
नीरज ने बुधवार को टोक्यो ओलंपिक में अपने आगमन की घोषणा की थी जब उन्होंने 86.65 मीटर का अविश्वासनीय थ्रो फेंका और अपने पहले प्रयास के बाद ही फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया।
भारतीय भाला फेंकने वाले का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 88.07 मीटर था जो ओलंपिक अभियान शुरू करने से पहले उनका सीजन का सर्वश्रेष्ठ भी था।
उनकी इस उपलब्धि पर देश की बड़ी हस्तियों से बधाई संदेश आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, “टोक्यो में इतिहास रचा गया है! नीरज चोपड़ा ने आज जो हासिल किया है उसे हमेशा याद किया जाएगा। युवा नीरज ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने जबरदस्त जुनून के साथ खेला और अद्वितीय धैर्य दिखाया। गोल्ड जीतने के लिए उन्हें बधाई।”
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लिखा, “नीरज चोपड़ा की अभूतपूर्व जीत! आपके भाला ने स्वर्ण बाधाओं को तोड़ा है और इतिहास रच दिया है। आपने अपने पहले ओलंपिक में भारत को पहली बार ट्रैक और फील्ड पदक दिलाया है। आपका करतब हमारे युवाओं को प्रेरणा देगा। भारत उत्साहित है! हार्दिक बधाई!”
नीरज की इस जीत पर उनका करीब 4 साल पुराना एक ट्वीट वायरल हो गया है जब उन्होंने कहा था कि इतिहास रचने वाला है। उन्होंने ट्वीट में लिखा था, “जब सफलता की ख्वाहिश आपको सोने ना दे जब मेहनत के अलावा ओर कुछ अच्छा ना लगे जब लगातार काम करने के बाद थकावट ना हो समझ लेना सफलता का नया इतिहास रचने वाला है।”